चाहता हूँ …

998693_534248053307897_1324653467_nतुम को मैं सब कुछ बताना चाहता हूँ
फिर ये किस्मत अजमाना चाहता हूँ

मर ना जाऊं ऐसा मुझको डर नहीं है
ज़िंदगी पर आशिकाना चाहता हूँ

जा चुका हैं दूर इतना अब वो मुझसे
मौत का मैं अब बहाना चाहता हूँ

ज़िंदगी कि कशमकश से थक गया हूँ
जीना फिर गुजरा ज़माना चाहता हूँ

खूब देखा हैं वफाओं का मैंने रस्ता
लौट के अब घर को आना चाहता हूँ

नरेश मधुकर
नरेश मधुकर

-नरेश मधुकर

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