-राजेन्द्र सिंह हीरा- “आज एक खबर पढ़ी कि मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान , मोहन भागवत व राजनाथ से मिले और मिलकर पी एम पद के उम्मीदवार का ऐलान न करने का आग्रह किया । उनका कहना है कि मध्य प्रदेश में नवम्बर में चुनाव होने वाले हैं और 30 सीटों पर अल्पसंख्यकों के वोट निर्णायक हैं । इसलिए नरेंद्र मोदी के नाम का ऐलान चुनावों से पहले न हो । यह खबर पढ़ कर कुछ बातें मेरे जेहन में आयीं :- 1) क्या शिवराज सिंह चौहान की अपनी शख्सियत और उनके द्वारा किए गए काम की कोई अहमियत नहीं है ? 2)क्या मुसलमान वोटर अपना भला बुरा समझने में सक्षम नहीं है ? 3)या यह सिर्फ एक चाल है अड़ंगा लगाने की कि मोदी के नाम का ऐलान अभी न हो ? दरअसल शिवराज सिंह चौहान वो दिन भूल गए जब बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा था । उमा भारती के हटने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश की ज़िम्मेदारी मिली थी । उन्होने ऐसा कुछ नहीं किया है कि वे अपने आपको पी एम की उम्मीदवारी कतार में खड़ा पाएँ । वो किसी भी कोण से किसी भी तरह नरेंद्र मोदी के सामने टिक नहीं पाते । पर यह एक लालसा है जिसका मोह वे छोड़ नहीं पाते । मेरी निजी राय यह है कि आज मुस्लिम मतदाता को लुभाने की कोशिश बेकार है । वह समझदार है । अपना भला बुरा समझता है और वोट किसे और क्यूँ देना है वह अच्छी तरह जनता है । मुस्लिम मतदाता की समझ आज नेता और राजनीतिक पार्टियां समझ नहीं पा रहीं हैं । भगवान सबको सद बुद्धि दे । ————–जयहिंद “
1 thought on “क्या मुसलमान वोटर अपना भला बुरा समझने में सक्षम नहीं है ?”
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billi ke bhagya se cheenka toh chuta tha jab NARENDRA MODI gujarat ke CM BANE,kaise KESHUBHAI PATEL ko rato rat hataya gya!