ढाका। बांग्लादेश की एक अदालत ने रविवार को, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया द्वारा चलाए जाने वाले अनाथालय और धर्मार्थ संस्थाओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई फिर से टाल दी। अब मामले की सुनवाई 19 मार्च को होगी। जिया ऑर्फाज ट्रस्ट से संबंधित मामले की सुनवाई 19वीं बार और जिया चैरिटिबल ट्रस्ट से संबंधित मामले की सुनवाई 10वीं बार स्थगित हुआ है। समाचारपत्र डेली स्टार के मुताबिक, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा, उनके बेटे और बीएनपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारिक रहमान एवं चार अन्य लोगों पर अनाथालय से संबंधित भ्रष्टाचार का आरोप है। जबकि धर्माथ संस्था के मामले में खालिदा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ आरोप हैं।
तीन जुलाई, 2009 को भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एसीसी) ने खालिदा, रहमान और चार अन्य के खिलाफ नकली धर्मार्थ संस्था के नाम पर 2.10 करोड़ टका के गबन का मामला दर्ज किया था। एसीसी ने आठ अगस्त, 2011 को खालिदा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ धर्मार्थ संस्था स्थापित करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप में एक और मामला दर्ज किया था। विशेष अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद रजौल इस्लाम ने खालिदा के वकील द्वारा सुनवाई स्थगित करने की अपील करने के बाद सुनवाई टालने का सला सुनाया। खालिदा के वकील तहरुल इस्लाम तौहीद ने कहा कि खालिदा बीमार हैं और अदालत में उपस्थित नहीं हो सकती हैं। यह कहकर उन्होंने सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया। सरकारी वकील मुशर्रफ हुसन काजल ने कहा कि अदालत बीएनपी प्रमुख (खालिदा जिया) की अनुपस्थिति के बावजूद मामले की सुनवाई कर सकती है। हालांकि अदालत ने दोनों पक्षों की अपील के बाद मामले को 19 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।