दलाईलामा से ओबामा की भेंट पर चीन ने फिर आंखें तरेरीं

Dalai Lama-Obamaवाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा से ह्वाइट हाउस में होने जा रही मुलाकात को लेकर चीन ने शुक्रवार को अमेरिका को कड़े शब्दों में चेतावनी जारी की। चीन ने कहा कि उसके अंदरूनी मामलों में इस तरह दखल से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को ‘बड़ा नुकसान’ पहुंचेगा। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता कैटलिन हेडेन ने गुरुवार को घोषणा की थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अंतरराष्ट्रीय जगत में सम्मानित धर्मगुरु व सांस्कृतिक नेता दलाईलामा से मुलाकात करेंगे। ह्वाइट हाउस के इस एलान पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। चीन हमेशा से ही विदेशी नेताओं की दलाईलामा से मुलाकात का विरोध जताता आया है। 78 वर्षीय दलाईलामा 1959 से भारत में रह रहे हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में एक बयान में कहा, ‘हम अमेरिका से चीन की चिंताओं को गंभीरता से लेने की अपील करते हैं। दलाईलामा को चीन विरोधी अलगाववादी चालें चलने के लिए अमेरिका अवसर मुहैया न कराए। इस बैठक पर चीन बेहद चिंतित है। तिब्बत, चीन का आंतरिक मामला है। यह बैठक चीन के आंतरिक मामले में अनुचित हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन है। इससे अमेरिका-चीन संबंधों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा। हम अमेरिका से चीन की चिंताओं को गंभीरता से लेने की अपील करते हुए इस बैठक को तुरंत निरस्त करने और दलाईलामा को अलगाववादी गतिविधियों के लिए अमेरिका में आश्रय न देने का आग्रह करते हैं।’
यह पूछे जाने पर कि अगर ओबामा बैठक को निरस्त नहीं करते तो चीन का जवाब क्या होगा, प्रवक्ता ने कहा, ‘दलाईलामा से किसी भी विदेशी नेता की मुलाकात का चीन कड़ा विरोध करता है। हम बताना चाहते हैं कि अगर कोई देश चीन के हितों को ठेस पहुंचाएगा तो उसके हितों को भी ठेस पहुंच सकती है।’ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित ओबामा और दलाईलामा इससे पहले 2010 और 2011 में दो बार मुलाकात कर चुके हैं। चीन ने तब भी ऐसे ही कड़ा विरोध जताया था। http://www.muktbharat.com
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