पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दिल्ली में भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। शरीफ ने इस मामले पर पिछले दो दिनों से चले आ रहे रहस्य पर से आज (शनिवार) परदा उठा दिया। ऐसी रिपोर्टें थीं कि कट्टरपंथियों की ओर से इसको लेकर काफी दबाव है। प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने शरीफ के सोमवार को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने की पुष्टि की। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने को लेकर शरीफ के हामी भरने में देरी होने का कारण सेना में मौजूद कट्टपंथियों के दबाव को माना जा रहा था। डॉन दैनिक ने अनाम सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि शरीफ ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के बाद भारतीय निमंत्रण को स्वीकार करने का फैसला किया।
मोदी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सभी नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्यौता दिया है। प्रधानमंत्री शरीफ ने मोदी को फोन कर उन्हें उनकी तथा उनकी पार्टी की चुनावी जीत पर मुबारकबाद दी थी और उन्हें पदभार संभालने के बाद पाकिस्तान यात्रा का निमंत्रण दिया था। दक्षेस के अन्य महत्वपूर्ण नेताओं में श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम समारोह में शामिल होने की पुष्टि कर चुके हैं।
शरीफ की बेटी मरियम ने ट्वीट करके कहा था कि नई सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया था कि मैं निजी तौर पर यह महसूस करती हूं कि नई भारतीय सरकार के साथ संबंधों को सुधारा जाना चाहिए। इससे मानसिक अवरोधों, डर और आशंकाओं को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसके बाद किए गए एक और ट्वीट में कहा कि अपने देश और लोगों को शांति तथा मेलमिलाप की दिशा में ले जाना नेताओं की जिम्मेदारी है। उनके इस ट्वीट को विश्लेषकों ने उनके पिता की भारत यात्रा की इच्छा के संभावित संकेत के रूप में लिया था।