अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव: क्या ओबामा से आगे निकल गए रोमनी?

अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के लगभग एक महीने पहले राष्ट्रपति और डेमोक्रेट उम्मीदवार बराक ओबामा और रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी ने टीवी पर चुनावी मुद्दों पर तीखी बहस की है.

दोनों नेताओं ने आर्थिक मंदी, टैक्स, स्वास्थ्य सुविधाओं और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों परबहस की है.

  ओबामा ने अपने पहले कार्यकाल की उपलब्धियाँ गिनवाईं तो रोमनी ने उनकी खामियाँ गिनवाते हुए उनको बदलने की बात कही.

इस आरोप-प्रत्यारोप वाली बहस में अक्सर चर्चा का विषय रहता है कि आख़िर इसमें जीत किसकी हुई . ये सवाल इस बार भी पूछा जा रहा है.

मिट रोमनी थोड़ी अधिक तैयारियों के साथ आए थे और ज़्यादा आत्मविश्वास से भरे दिख रहे थे.

हालांकि ये दोनों उम्मीदवारों के बीच पहली टीवी बहस थी. परंपरा के अनुसार दोनों उम्मीदवारों के बीच छह नवंबर को चुनाव से पहले दो और टीवी बहस होगी.

टीवी पर पहली बहस में मुख्य रूप से देश के अंदरूनी मुद्दों से जुड़े विषयों पर ही दोनों उम्मीदवारों ने अपनी बात रखी. अगली बहसों में विदेश नीति आदि पर बात होगी.

झिझकते हुए से ओबामा

उनका कहना है कि बराक ओबामा इस बहस में साथ गए थे साथ ही उन्हें उन राज्यों में भी थोड़ी बढ़त मिली हुई थी जहाँ मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है. लेकिन उन्हें बहस के दौरान आत्मविश्वास से भरे मिट रोमनी से तीखे विरोध का सामना करना पड़ा.

एडम ब्लेनफ़र्ड का कहना है कि मिट रोमनी पूरी बहस के दौरान आक्रामक नज़र आते रहे जबकि इसके विपरीत राष्ट्रपति ओबामा थोड़े झिझकते हुए नज़र आए और वे बार बार कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिम लेहरर से अपनी बात ख़त्म करने के लिए समय मांगते नज़र आए.

‘रोमनी की स्टाइल बेहतर’

मिट रोमनी पिछले कुछ दिनों से अपनी आवाज़ के संतुलन पर काम कर रहे थे और बहस के दौरान जिस तरह उन्होंने अपनी आवाज़ को गहराई देने की कोशिश की उसके सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं.

बहस में बोलने की शैली और हाव-भाव पर बहुत कुछ टिका होता है और मिट रोमनी जोश में दिख रहे थे. उन्हें पता था कि कौन सी जानकारी किस तरह लोगों के सामने रखनी है और कब बहस के संचालक को रोकते हुए ओबामा को काटना है.

वहीं  ओबामा घबराए हुए लग रहे थे और यही वजह रही कि बहस में लय बनाने के बावजूद वो अपने समर्थन में तर्कों को प्रभावी ढंग से नहीं रख पाए.

मार्क के मुताबिक उन्हें कई ऐसे मौके मिले जब वो रोमनी को काट सकते थे लेकिन वो लगातार बहस में कूदने से बचते रहे और उन्होंने ये मौके गंवा दिए.

हालांकि अगर ये मान भी लिया जाए कि रोमनी ने अपनी शैली से ये बहस जीत ली तब भी उनके लिए चुनौतियां कम नहीं होती हैं. उन्हें पोल के नतीजों के ज़रिए ये साबित करना होगा कि पालड़ा वाकई उनके पक्ष में झुक रहा है.

error: Content is protected !!