अबु हमजा की अमरीकी अदालत में पेशी

लंदन की एक मस्जिद के इमाम अबु हमज़ा अल मसरी और चार अन्य संदिग्ध चरमपंथियों को ब्रिटेन से अमरीका प्रत्यर्पित किए जाने के बाद शनिवार को न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट की अदालतों में पेश किया गया.

अब इनके खिलाफ चरमपंथ से जुड़े कई आरोपों में मुकदमा चलाया जाएगा.

अबु हमज़ा के अलावा चार अन्य संदिग्ध चरमपंथी हैं बाबर अहमद, सैयद तल्हा अहसान, अब्दुल बारी और खालिद अल फवाज़.

शनिवार को अबु हमजा के साथ अब्दुल बारी और खालिद अल फवाज़ को न्यूयॉर्क की अदालत में पेश किया गया.

निकाले गए हुक

अदालत में अबु हमज़ा को जज ने उनके खिलाफ लगाए गए 11 आरोपों को पढ़कर सुनाया.

अबु हमज़ा, जिनके दोनों हाथ नहीं हैं, जब अदालत में लाए गए तो उनके लोहे के हुक को सुरक्षा गार्डों ने निकाल दिया था. वह नीले रंग की कैदियों वाली पोशाक पहने हुए थे.

अबु हमज़ा को अदालत की ओर से मुहैया कराई गई वकील सबरीना श्रॉफ़ ने अदालत से अपील की कि उनके मुवक्किल के लोहे के हुक वापस लगवाए जाएं ताकि वो अपने हाथों का प्रयोग कर सकें.

इसी अदालत में पेश होने वाले अब्दुल बारी और खालिद अल फवाज़ पर आरोप लगाए गए कि उन्होंने चरमपंथी संगठन अल कायदा के साथ मिलकर अमरीकी लोगों की हत्याएं की हैं. दोनों ने आरोपों से इनकार किया.

अन्य दो अभियुक्त बाबर अहमद और सैयद तल्हा अहसान को कनेक्टिकट की अदालत में पेश किया गया. उन पर एक जिहादी वेबसाइट चलाने का आरोप है. हालांकि उन्होंने भी आरोपों से इनकार किया है.

‘अहम लम्हा’

अब अबु हमज़ा को मंगलवार को फिर अदालत में पेश किया जाएगा.

मैनहैटन में अमरीकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने अबु हमज़ा और अन्य अभियुक्तों के अमरीका प्रत्यर्पण के बारे में कहा,“जैसे कि आरोप लगे हैं, ये लोग अल कायदा की चरमपंथी गतिविधियों में पूरी तरह संलग्न थे, जिसके कारण बहुत खूनखराबा हुआ, बहुत से लोगो की जानें गईं और कई परिवार उजड़ गए.”

उन्होंने आगे कहा, “कई वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद इन कथित चरमपंथियों का अमरीका प्रत्यर्पण हमारे देश की चरमपथ को उखाड़ फेंकने की कोशिश में बहुत अहम लम्हा है. और इससे अमरीकी जनता से किया हमारा वादा भी पूरा होता है कि हम चरमपंथियों को कटघरे में लाएंगे चाहे जितना भी समय लगे. और ये अभियुक्त अब न्याय का सामना करेंगे.”

ब्रिटिश नागरिक अबु हमज़ा पर अमरीका में चरमपंथ से जुड़े कुल 11 आरोप हैं. उन पर बंधक बनाने की साजिश रचने और 1998 में यमन में लोगों को बंधक बनाने के आरोप है. इनमें से एक घटना में चार लोग मारे गए थे.

इसके अलावा उन पर पश्चिमोत्तर अमरीका के ओरेगॉन राज्य के ब्ली में एक ट्रेनिंग शिविर स्थापित करने की योजना बनाने के भी आरोप हैं.

उन पर आरोप हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसक जेहाद करने के लिए चरमपंथियों को मदद पहुंचाई. इसके साथ तालिबान से भी उनके संबंध बताए जाते हैं और आरोप हैं कि अबु हमज़ा की तरफ से कथित तौर पर तालिबान को भी मदद पहुंचाई गई.

हो सकती है उम्रकैद

अबु हमजा को अमरीका के आग्रह पर ही मई 2004 में पहली बार ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया था.

और उनका अमरीका प्रत्यर्पण काफी समय से लंबित था क्योंकि अभियुक्तों के वकीलों ने अदालत में प्रत्यर्पण के खिलाफ़ अर्ज़ी दी हुई थी.

लेकिन शुक्रवार को आखिरकार लंदन हाई कोर्ट ने अबू हमज़ा और चार अन्य संदिग्ध चरमपंथियों के अमरीका प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी थी.

अबु हमज़ा हत्या के लिए उकसाने और नस्लीय घृणा फैलाने के मामलों में ब्रिटेन में पहले ही दोषी करार दिए ‎जा चुके हैं. वो कई साल से ब्रिटेन की जेल में बंद थे.

अब अगर अमरीकी अदालत में उनके खिलाफ़ लगाए गए आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो अबु हमज़ा को आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है.

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