दिल्ली में गैंगरेप की घटना के बाद भारत में हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन ने अमेरिकी मीडिया का ध्यान खींचा है। मीडिया ने इस घटना के लिए खराब कानून-व्यवस्था और ढीली न्याय पद्धति को दोषी करार दिया है। अमेरिकी मीडिया इस समय वहां टैक्स में बढ़ोतरी से पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा कर रहा है। उसके द्वारा हाल ही में कनेक्टिकट के स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना के बाद शस्त्र नियंत्रण कानून की प्रासंगिकता को लेकर भी बहस की जा रही है।
इसी दौरान देश के अखबारों और समाचार चैनलों ने दिल्ली में युवती के सामूहिक दुष्कर्म के बाद लोगों में भड़के गुस्से को गंभीरता से लिया है। नेशनल पब्लिक रेडियो ने कहा, यह अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन है। लोग न्याय चाहते हैं। वे चाहते हैं कि देश में महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें। न्यूयॉर्क टाइम्स की हेडलाइन थी, क्लैसेज ब्रेक आउट इन इंडिया एट ए प्रोटेस्ट ओवर ए रेप केस।
अखबार ने लिखा है कि हजारों प्रदर्शनकारी दिल्ली में जमा हुए हैं और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। वे बेहतर व्यवस्था की भी मांग कर रहे हैं। अखबार का कहना है, भारत का अपराध संबंधी न्याय तंत्र अयोग्यता, भ्रष्टाचार व राजनीतिक हस्तक्षेप का शिकार है। ऐसा लगता है कि यह प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में सक्षम नहीं है। सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया, पुलिस का कहना है कि दिल्ली में चलती बस में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसे बहुत बुरी तरह से पीटा गया। युवती अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि पिछले 40 वर्षो में दुष्कर्म की घटनाओं में करीब 875 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 1971 में दुष्कर्म की 2487 घटनाएं हुई थीं। 2011 में ऐसी 24206 घटनाएं हुई। ऐसी घटनायें लगातार हो रही हैं।