सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को भ्रष्टाचार के मामले में फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पाक सरकार का कहना है कि शीर्ष अदालत ने पीएम की गिरफ्तारी के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है। एक मंत्री ने कहा कि सरकार रेंटल पावर प्रोजेक्ट घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अशरफ के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी।
पाकिस्तान के विधि मंत्री फारूक एच. नाइक ने कहा कि केवल नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के चेयरमैन भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी आदेश दे सकते हैं। सूचना मंत्री कमर जमान कैरा ने स्पष्ट किया कि एनएबी को गिरफ्तारी वारंट जारी करने से पहले कुछ जरूरी प्रक्रिया पूरी करनी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एनएबी 62 वर्षीय अशरफ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के मूड में नहीं है। मंगलवार को आई खबरों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अशरफ को गिरफ्तार करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था, जबकि पीठ के लिखित आदेश में कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई थी।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एनएबी को अशरफ व अन्य 20 के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था। साथ ही पीठ ने 17 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश भी दिया था।
बुधवार को कैरा ने बताया कि महाधिवक्ता एनएबी को पावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद मामला दर्ज करने को लेकर फैसला किया जाएगा।
विधि विशेषज्ञों के मुताबिक मामले को मंजूरी के बाद संबंधित कोर्ट गिरफ्तारी का वारंट जारी करेगा। अगर ऊपरी कोर्ट जमानत नहीं देती, तो जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से ताहिर उल कादरी के सरकार विरोधी अभियान को बल मिला है। पाकिस्तान के विधि मंत्री फारूक एच. नाइक का कहना है कि पहले इस मामले की सुनवाई निचली अदालत में होनी चाहिए। इसके बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जानी चाहिए। फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोर्ट कुछ भी ऐसा नहीं करेगा, जिससे लोकतंत्र को ठेस पहुंचे।