बर्फबारी से मचा ऐसा हाहाकार कि दुनिया ठप

देश के पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी के बाद पटरी से उतरी जिंदगी लगातार चौथे दिन भी रेंगती रही। हिमाचल में राष्ट्रीय व राजमार्ग रविवार को भी बंद रहे। यूरोप हो चाहे चीन हर जगह भारी बर्फबारी का कहर जारी है।

जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भी कहीं आफत है तो कहीं राहत। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य मैदानी राज्यों में तीन दिनों पहले हुई बारिश के बाद जारी शीतलहर का कहर जारी है। लोगों ने चटख धूप का आनंद तो उठाया पर शाम होते ही ठिठुरन ने उन्हें घर में कैद होने पर मजबूर कर दिया। राजधानी दिल्ली में भी सर्द हवाओं से कंपकंपी छूट रही है।

हिमाचल में हिमखंडों के साथ गिर रहे पत्थर

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में जगह-जगह पर लगभग 60 से अधिक स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। इन क्षेत्रों में मौसम को साफ हुए दूसरा दिन जारी हो गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी भी राहत पहुंचाने के लिए मांग के बावजूद भी हवाई सेवाएं आरंभ नहीं की गई हैं। बर्फ पिघलने से खतरा और बढ़ गया है। इससे हिमखंडों के साथ-साथ पत्थर भी गिर रहे हैं, जिससे कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली-पानी की सुविधाएं भी बहाल नहीं हो पाई है। राजधानी शिमला में दिन भर अच्छी धूप खिली रही, लेकिन बर्फबारी के कारण रास्ते बंद होने से यातायात बाधित रहा। बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों ने खूब मौज-मस्ती की। हिमांक बिंदू से नीचे -12.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ केलंग सबसे ठंडा रहा।

 

फिसलकर दर्जनों लोगों की टूटी हड्डी

सड़कों पर जमी बर्फ पर फिसलकर दर्जनों देशी व विदेशी पर्यटकों की हड्डी टूट गई। इन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। रास्तों से अभी भी बर्फ न हटाने के कारण लोगों को गिरते पड़ते हुए अपना सफर तय करना पड़ रहा है। रास्ते दुरुस्त न होने के कारण पूरा दिन लोगों को ऐसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ा।

 

नहीं खुले गंगोत्री और यमुनोत्री राजमार्ग

उत्तराखंड में दिन भर सर्द हवाओं ने डेरा जमाए रखा। मुक्तेश्वर, मसूरी और टिहरी में तो तापमान शून्य से नीचे चला गया, जबकि अन्य क्षेत्रों में इसमें एक से दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। बर्फबारी के चलते बाधित हुए गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग दूसरे दिन भी नहीं खुल पाए। गंगोत्री राजमार्ग सुक्की और यमुनोत्री राजमार्ग रानाचट्टी के पास बाधित है। दो दिन से धूप निखर रही है, लेकिन ठिठुरन भी बरकरार है। मैदानी इलाकों में सुबह से ही घना कोहरा रहा, जो दोपहर बाद छंटा। मुक्तेश्वर सबसे सर्द रहा, जहां पारा शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया।

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग से हटी बर्फ

मौसम साफ होने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यात्रियों के लिए खोल दिया गया। जम्मू में फंसे यात्री श्रीनगर के लिए रवाना हुए। वहीं, ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया। धूप तो खिली पर ठंडी हवाओं ने लोगों को बेहाल किया।

सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ ठंड बढ़ने की संभावना

मौसम विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो 23 जनवरी को फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से देश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ बारिश की बौछारें गिरने की संभावना है, जबकि मैदानी व कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम सामान्य बना रहेगा।

भारत में बारिश, बर्फबारी की वजह

मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार बुधवार को आए पश्चिमी विक्षोभ के तूफान से नीचे की हवा सतह से 8 किमी. तक आसमान में उठ गई। 3500 मी. से ऊपर नमी और पानी की बूंद बर्फ बन जाती है। नमी घुलने के कारण बनी बूंदें बर्फ के टुकड़ों में बदलने से ओलावृष्टि हुई। विक्षोभ के कारण जिन स्थानों पर हवा 3500 मी. से कम ऊंचाई पर उठी, वहां बूंदें जमी नहीं और बारिश के रूप में बरसी।

भारी बर्फबारी से यूरोप ठप

भारी बर्फबारी की वजह से पश्चिमी यूरोप में यातायात साधन सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कई महत्वपूर्ण हवाईअड्डों से उड़ानें कैंसिल कर दी गईं। मुनीच एयरपोर्ट मैनेजमेंट के मुताबिक करीब 300 उड़ानों का 16 बार समय परिवर्तन किया गया और 70 उड़ानें रद्द कर दी गईं। वियना एयरपोर्ट पर भी दो सौ से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया। बर्फबारी की वजह से खराब मौसम बना।

स्विटजरलैंड का बेसेल एयरपोर्ट मैनेजमेंट के मुताबिक एक दिन पहले ही 60 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।

लंदन हीथ्रो एयरपोर्ट पर भी शुक्रवार को करीब साठ उड़ानें रद्द हुईं। ब्रिटेन के मौसम विभाग के मुताबिक साउथ वेल्स में करीब 11 इंच बर्फबारी हुई है। पूरे ब्रिटेन में करीब दो हजार स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

ऑस्ट्रियन मौसम विभाग के मुताबिक करीब पचास सेंटीमीटर तक बर्फबारी होने के आसार हैं और शनिवार को माइनस दस डिग्री सेल्शियस तक तापमान होगा।

चीन में मौसम विभाग की चेतावनी

पिछले सप्ताह चीन के शांडोंग राज्य के लाएझोउ खाड़ी में ठंड के कारण बर्फ की मोटी चादर जम गई है और इसमें लगभग 1000 जहाज फंस गए । सूत्रों की माने तो, बर्फ की चादर 291 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैल गई है और बढ़ती जा रही है। बर्फ की चादर पिछले 3 सालों में सबसे बड़ी हो गई है। समुद्री खेती करने वालों ने कहा कि इस साल बर्फ की चादर पिछले साल से अधिक मोटी है। तटीय पुलिस ने चेतावनी दी है कि चीन सागर में बोहाई और पीत सागर के पास गहरे समुद्र से होकर गुजरने वाले जहाजों को इस बर्फ की चादर से नुकसान हो सकता है।

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