स्विटजरलैंड सरकार देश के विभिन्न बैंकों में जमा धन और खातों के संबंध में दूसरे देशों द्वारा मांगी गई जानकारी फरवरी से देना शुरू करेगी। फिलहाल कंपनियों और फर्मो के संबंध में ही यह सूचना दी जाएगी। व्यक्तिगत आधार पर यह सूचना नहीं मुहैया कराएगी। यहां डब्ल्यूईएफ की बैठक में हिस्सा लेने आए अधिकारियों ने इस संबंध में बताया कि जानकारी मांगने वाले देश को स्पष्ट करना होगा कि संबंधित कंपनी या समूह ने टैक्स चोरी की है। स्विटजरलैंड में नया टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन असिस्टेंस एक्ट (टीएएए) एक फरवरी से लागू हो रहा है। पिछले कुछ सालों से स्विटजरलैंड सरकार पर भारी विदेशी दबाव था। स्विस बैंकों को काले धन के लिए स्वर्ग माना जाता है। अब तक इन बैंकों के खाताधारकों की जानकारी हासिल नहीं की जा सकती थी। ऐसे में सारी दुनिया से काला धन किसी न किसी रास्ते स्विस बैंकों में पहुंचता रहता है। अभी तक स्विस सरकार भारत समेत उन देशों को जानकारी मुहैया करा रही थी, जिनके साथ उसकी सूचना आदान-प्रदान या टैक्स संधि हो चुकी है। कंपनियों के संबंध में जानकारी नहीं दी जा रही थी।