क्या हमें अमेरिका के इस भरोसे पर भरोसा करना चाहिए?

अमेरिका ने भरोसा दिया है कि वह लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं सहित मुंबई आतंकी हमले में आरोपी छह अन्य लोगों को कठघरे में खड़ा करेगा। ये सभी भगोड़े हैं। हेडली को सजा सुनाए जाने के बाद अमेरिकी कार्यकारी अटॉर्नी गैरी एस शापीरो ने कहा कि हम उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करेंगे। अगर किसी दूसरे देश में भी उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो उनका यहां प्रत्यर्पण कराया जाएगा।

इसके बाद उनकेखिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। इन छह आरोपियों इलियास कश्मीरी, अब्दुर रहमान हाशिम सईद ऊर्फ पाशा, साजिद मीर, अबू कहाफा, मजहर इकबाल और मेजर इकबाल का नाम आरोपपत्र में शामिल हैं। इनमें इलियास कश्मीरी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने की खबर है। जबकि अन्य पांच के पाकिस्तान में होने का अंदेशा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी जांच जारी रहेगी। हम कोई पूर्वानुमान नहीं लगाना चाहते कि जांच से क्या निकलेगा। 21 अप्रैल 2011 को शिकागो की अदालत में एफबीआई की तरफ से दायर आरोपपत्र के अनुसार साजिद मीर पाकिस्तान का नागरिक है और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है।

हेडली और दूसरे लोगों को यही निर्देशन दे रहा था। पाकिस्तान का ही निवासी अबू कहाफा भी लश्कर से ही जुड़ा है और आतंकियों को लड़ाकू प्रशिक्षण देता है। जबकि मजहर इकबाल लश्कर का कमांडर है। मेजर इकबाल को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का अधिकारी बताया जाता है। उसके खिलाफ छह अमेरिकी नागरिकों की हत्या का आरोप है। उसे गिरफ्तार करने के अमेरिकी अनुरोध को पाकिस्तान नकार चुका है। इलियास कश्मीरी और हाशिम सईद पर दो जबकि अबु कहाफा और मेजर इकबाल पर दस आरोप लगाए गए हैं।

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