दस वर्ष पहले हुए कोलंबिया स्पेश शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने और इसमें सवार सभी सात यात्रियों के मारे जाने के बाद अब इसकी सच्चाई सामने आने लगी है। अंतरिक्ष शटल कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर रहे वेन हेल ने घटना के दस साल बाद इसका खुलासा किया है। उन्होंने अपने ब्लॉग के जरिए यह खुलासा किया है कि नासा को इस हादसे के बारे में पहले से ही जानकारी थी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया, और सभी यात्रियों को मरने के लिए छोड़ दिया। इस हादसे में भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की भी मौत हो गई थी। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति और नासा ने इस हादसे में मारे गए अंतरिक्ष यात्रियों को शनिवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
वेन हेल के मुताबिक नासा के मिशन कंट्रोल रूम को मालूम था कि भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला और उनके साथ लौट रहा दल पृथ्वी पर सुरक्षित नहीं आ पाएगा। बावजूद इसके अंतरिक्ष यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं दी गई। उनके मुताबिक कोलंबिया शटल की खराबी को दुरुस्त नहीं किया जा सकता था। इसकी एक वजह यह भी थी कि कोलंबिया उस वक्त इंटरनेशनल स्पेस सेंटर की पहुंच से दूर था और रोबोटिक आर्म की भी मदद नहीं ली जा सकती थी।
कोलंबिया हादसे के बाद हेल एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने इसका खुलासा करते हुए गलती मानी है। लेकिन ऐसा करने में उन्हें दस वर्ष का समय लग गया। उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि मिशन मैनेजमेंट टीम के फ्लाइट डायरेक्टर जॉन हारपोल्ड ने इस खराबी पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि हम टीपीएस थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम में आई खराबी किसी भी हाल में दूर नहीं कर सकते। अगर यह खराब हो गया है तो बेहतर है वे इसे न जानें। जब यह स्पष्ट हो गया कि शटल टैक्सास के ऊपर टूट कर बिखर गया है, फ्लाइट डायरेक्टर लेरॉय केन ने कमरे को ताला लगा दिया और सारा कम्प्यूटर डाटा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया। कुछ ही मिनटों में पता चल गया कि शटल में सवार सातों यात्रियों की मौत हो गई। जिसमें कल्पना चावला, डेविड ब्राउन, रिक हसबैंड, लॉरेल क्लार्क, माइकल एंडरसन, विलियम मैकूल और आई रैमन शामिल थे। यह दल 16 दिन के अंतरिक्ष अभियान से लौट रहा था। एक फरवरी 2003 को यह यान टैक्सास के आसमान में कई लोगों की निगाहों के सामने आग का गोला बन गया था। इसके अवशेष करीब पंद्रह किमी के दायरे में फैल गए थे।