लंबे समय तक जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही पाकिस्तान की बेटी मलाला यूसुफजई ने बड़ी ही हिम्मत के साथ मौत को मात दी। अब मलाला एक बार फिर से बुलंद इरादों के साथ महिलाओं के हक के लिए लड़ने को तैयार है। सोमवार को पहली बार मलाला ने वीडियो में अपना संदेश दर्ज कराते हुए कहा, महिलाओं के विकास और अधिकारों के लिए मैं दोबारा कुर्बान होने को तैयार हूं। उन्हें उनका पूरा हक मिलना चाहिए। उनकी शिक्षा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
मलाला ने अपने संदेश में कहा, लोगों की दुआएं और प्रार्थनाओं का असर ही है कि मैं आज ठीक हो गई हूं, सुरक्षित खड़ी हूं। मैं सही से देख सुन सकती हूं और पहले से बेहतर हो रही हूं। रोजाना मेरी सेहत में सुधार हो रहा है। इसलिए मेरे अंदर फिर से लड़ने की वो ताकत पैदा हो गई है जिसके साथ मैं आगे बढ़ सकती हूं। जिन लोगों ने मेरे लिए प्रार्थनाएं की हैं मैं उनके लिए कुछ करना चाहती हूं। मुझे अपने देश के लिए कुछ करना हैं।
गौरतलब है कि साल 2012 में तालिबानी फरमानों के खिलाफ लड़ने वाली 15 साल की मलाला पर तालिबानियों ने हमला बोला था। हमला इतना खतरनाक था कि मलाला की बचने की सभी उम्मीदें खत्म हो गई थी। लेकिन लोगों की दुआओं ने मलाला को नई जिदंगी दी। काफी महीनों तक ब्रिटेन में उसका इलाज चला। हाल ही में मलाला का एक और ऑपरेशन हुआ है। अब वह बिल्कुल स्वस्थ है।