200 साल बाद पेरिस की महिलाओं को मिला पतलून पहनने का हक

फ्रांस की राजधानी पेरिस में महिलाओं को आखिरकार पतलून पहनने का अधिकार मिल ही गया। सरकार ने सोमवार को महिलाओं पर इसके लिए लगा 200 साल से भी पुराना प्रतिबंध हटा लिया। महिला अधिकारों की मंत्री नजत वलौड बेल्कासेम ने प्रतिबंध को आधुनिक फ्रांस के मूल्यों और कानूनों के विपरीत बताया है।

17 नवंबर 1800 से लागू इस कानून के तहत पेरिस की महिलाओं को पतलून पहनने पर आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता था। पतलून पहनने के लिए स्थानीय पुलिस से इजाजत लेनी पड़ती थी। हालांकि इस कानून में 1882 और 1909 में संशोधन भी किया गया, लेकिन तब भी महिलाओं को पूर्ण अधिकार न मिल सका। तब शर्त रखी गई कि यदि महिलाएं साइकिल या घोड़े पर सवार हैं तो ही उन्हें पतलून पहनने की इजाजत दी जा सकती है।

हालांकि, यह कानून सिर्फ कागजों में ही दर्ज रहा। एक सवाल के जवाब में बेल्कासेम ने कहा कि यह कानून व्यवहार में निष्प्रभावी ही रहा। उन्होंने कहा, ‘यह कानून पहले इसलिए बनाया गया था, ताकि महिलाओं को एक दायरे में ही सीमित रखा जा सके। लेकिन आज महिला और पुरुषों की समानता के सिद्धांत के तहत यह कानून बेकार है।’

वह 1789 का फ्रांसीसी क्रांति का दौर था, जब महिलाओं ने ट्राउजर पहनने की मांग की थी। महिलाओं के परिधान फ्रांस में राजनीतिक मुद्दा बनते रहे हैं। पिछले साल राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलेंड की नई सरकार के बनते ही मई में ही एक मंत्री ने महिलाओं के जींस पहनने की आलोचना की थी। इसके बाद नेशनल असेंबली में जब वह फूलों से सजी गर्मियों की ड्रेस पहनकर आईं तो उन्हें जलालत झेलनी पड़ी थी।

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