अफगानिस्तान में शांति का खाका तैयार

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से मुलाकात के बाद अफगानिस्तान में शांति स्थापना के लिए छह माह की समयसीमा तय की। त्रिपक्षीय बातचीत के दौरान सभी पक्ष इस पर तेजी से जरूरी कदम उठाने के लिए भी तैयार हो गए हैं।

कैमरन ने जहां तालिबान से शांति प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की है। वहीं, जरदारी ने कहा, ‘पाकिस्तान तालिबान से ऐसी किसी भी वार्ता का समर्थन करता है। अफगानिस्तान में शांति पाकिस्तान में शांति है।’ करजई ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते भविष्य में भाई जैसे बनेंगे। कैमरन ने अफगान शांति परिषद और तालिबान के बीच वार्ता के लिए कतर की राजधानी दोहा में एक कार्यालय खोलने की घोषणा की।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात को अप्रत्याशित सहयोग करार देते हुए कहा, ‘अब अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी का समय आ गया है। ऐसा भविष्य बनाया जाना चाहिए जहां सभी अफगान अपने मुल्क में शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें।’

तीनों ने 2014 में अफगानिस्तान से नाटो सेना के निकल जाने के बाद तालिबानी घुसपैठ रोकने और शांति प्रक्रिया पर चर्चा की। बातचीत में पहली बार जासूसी एजेंसियों के प्रमुख और सैन्य जनरल शामिल भी हुए थे।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक जरदारी ने अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण और शांति स्थापना के लिए पूर्ण सहयोग पर जोर दिया। बताया गया कि इसके लिए दोनों देशों के बीच वार्ता और सहयोग बढ़ा है। दोनों ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान उलेमाओं की मार्च में संयुक्त वार्ता कराने की बात भी कही। दोनों देशों में सैन्य और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।

error: Content is protected !!