इस्लामाबाद । पाकिस्तान ने 2001 के भारतीय संसद पर हमला मामले में अफजल गुरु को फांसी दिए जाने पर आज प्रतिक्रिया जाहिर करने में सावधानी बरतते हुए कहा कि वह अफजल के मामले की सुनवाई के ‘विस्तार में नहीं जाना चाहता।’ अफजल को फांसी दिए जाने के संबंध में किए गए सवालों के जवाब में विदेश विभाग के प्रवक्ता मोआज्जम खान ने कहा कि वह, ‘‘सुनवाई प्रक्रिया के विस्तार में नहीं जाना चाहते।’’ उन्होंने एक बयान में कहा कि मामले पर चर्चा हो रही है और मीडिया तथा मानवाधिकार संगठनों की बहस जारी है।
खान ने कहा, लेकिन हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता दोराहते हैं और गुरु को फांसी दिए जाने के बाद भारत द्वारा हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी तथा हिरासत में लेकर जिस प्रकार कश्मीरियों की आकांक्षाओं का दमन किया गया उस पर गंभीर चिंता जाहिर करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं की तुरंत रिहाई तथा दमनकारी कदमों को वापस लिए जाने का आह्वान करता है।
जमात-उद-दावा जैसे कई संगठनों तथा कश्मीरी समूहों ने अफजल को फांसी दिए जाने के खिलाफ कई पाकिस्तानी शहरों में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है ।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक ने 24 घंटे की भूख हड़ताल की और गुरुके शव को उसके परिजनों को सौंपे जाने की मांग की। इस समय वह एक निजी यात्रा पर पाकिस्तान में हैं।