मुरादाबाद। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना (एनआरएचएम) के मद में 2005 से 2011 के बीच छह वर्षो के दौरान 8657 करोड़ रुपये के बंदरबांट की जांच को लेकर सीबीआइ टीम ने सोमवार को फिर मुरादाबाद का रुख किया।
मध्याह्न से एकाएक सक्रिय हुई सीबीआइ टीम के केंद्र में अभी तक मुरादाबाद सीएमओ कार्यालय है। बताते हैं कि यहां सीबीआइ ने पूर्व में एनआरएचएम फंड से हुए कामों के कुछ रिकॉर्ड मांगे और अपने पास मौजूद रिकॉर्ड से कई तथ्यों का मिलान किया।
काबिलेगौर है कि मुरादाबाद में एनआरएचएम घोटाले को लेकर डेढ़ साल के भीतर कई दफासीबीआइ की छापेमारी हो चुकी है। सीएमओ दफ्तर से तमाम रिकॉर्ड सीबीआइ कब्जे में ले चुकी है तो दवा सप्लाई करने में मनमानी पर सौरभ जैन और उसके चचेरे भाई विवेक जैन को पूर्व में गिरफ्तार भी किया था। कुछ समय पहले ही सौरभ को जमानत पर रिहाई मिली है।