नई दिल्ली। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया और अमेरिकी ठिकानों पर परमाणु हमले की चेतावनी दी है। बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए और दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए प्रशांत क्षेत्र के गुआम में अगले कुछ दिनों के भीतर मिसाइल सुरक्षा कवच स्थापित करने जा रहा है। इसको टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (थाड प्रणाली) कहा जाता है। इंटरसेप्टर मिसाइलों और लांचर से लैस थाड दुश्मन के हमले को हवा में दूर से ही नष्ट कर देता है :
थाड मिसाइल तंत्र :
-पहले इसको थिएटर हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस कहा जाता था। यह 200 किमी रेंज में और समुद्र तल से 150 किमी की ऊंचाई तक सीमित और मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है।
-मिसाइल अपने साथ युद्धक सामग्री नहीं ले जाती बल्कि गतिक (काइनेटिक) ऊर्जा से दुश्मन की मिसाइल से टकराकर उसको नष्ट कर देती है। इसीलिए इसको काइनेटिक किल टेक्नोलॉजी भी कहा जाता है। यानी कि तीव्र वेग से दुश्मन मिसाइल से टकराकर उसको नष्ट करती है।
-वायुमंडल के ऊपर ही दुश्मन मिसाइल को पहचानकर मार गिराती है, लिहाजा पृथ्वी पर उसके टुकड़े भी नहीं गिरते।
-यह पूरी प्रणाली मिसाइल, लांचर, रडार, युद्धक कमान, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर, इंटेलीजेंस यूनिट और सहायक सामग्री से लैस होती है।
-इस प्रणाली की संकल्पना सबसे पहले 1987 में तैयार की गई थी। 1992 में अमेरिकी सेना ने इसके विकास का जिम्मा लॉकहीड मार्टिन कंपनी को दिया। इसका पहला परीक्षण 1999 में सफलतापूर्वक किया गया।
कार्यप्रणाली:
यह तीन स्तरों में काम करने वाली प्रणाली है। एक बार निशाना चूक जाने के बाद दूसरे स्तर में लक्ष्य पर निशाना साधा जाता है। यदि किसी तरह इस चरण में भी दुश्मन मिसाइल बच निकलती है तो तीसरे चरण में उसको निशाना बनाया जाता है।
अन्य देशों में:
इजरायल : नेगेव रेगिस्तान के माउंट केरेन थाड प्रणाली से मिलता-जुलता तंत्र स्थापित किया गया है
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) : मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए दिसंबर, 2011 में समझौता किया है
तथ्य:
900 किलोग्राफ- वजन
6.17 मीटर-लंबाई
34 सेंटीमीटर-व्यास
200 किलोमीटर-रेंज
8.24 मैक-स्पीड (2.8 किलोमीटर प्रति सेकेंड)