इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने 2007 के बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की अंतरिम जमानत रद कर दी है। इससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
लाहौर हाई कोर्ट की रावलपिंडी पीठ ने मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर द्वारा उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए दाखिल की गई अर्जी को खारिज कर दिया। सफदर ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ आपत्ति वाली अर्जी भी दी थी लेकिन पीठ ने इसे भी खारिज कर दिया। 69 वर्षीय पूर्व सैन्य शासक को 17 अप्रैल को एक सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि लाहौर हाई कोर्ट के फैसले के बाद बेनजीर हत्याकांड में भी मुशर्रफ की गिरफ्तारी की आशंका है।
मुशर्रफ पर आरोप है कि स्वनिर्वासन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पाकिस्तान लौटने पर उन्होंने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई। दिसंबर, 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान बेनजीर की हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को एक आतंकरोधी अदालत ने संघीय जांच एजेंसी को आदेश दिया था कि इस हत्याकांड की जांच में मुशर्रफ को भी शामिल किया जाए।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 2007 में देश में आपात स्थिति के दौरान 60 से अधिक जजों को हिरासत में लेने के मामले में मुशर्रफ की जमानत रद कर दी थी। इसके बाद पिछले सप्ताह मुशर्रफ को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें उनके फार्म हाउस में रखा गया है जिसे अधिकारियों ने उप जेल घोषित कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों से खतरे को देखते हुए मुशर्रफ को फार्म हाउस में रखा गया है।