तीसरी बार नवाज शरीफ के सिर ताज, मनमोहन सिंह ने भेजा न्योता

nawaz sharifइस्लामाबाद। पाकिस्तान में हुए चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन [पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज] को जबरदस्त सफलता मिली है। नतीजों और रुझानों के मुताबिक नवाज शरीफ का तीसरी बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनना तय है। भारत ने इस जनादेश का स्वागत किया है और शांति वार्ता के फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद जताई है। 63 वर्षीय शरीफ ने चुनावी अभियान के दौरान भारत-पाक के बीच शांति प्रक्रिया फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया था। बता दें कि पाकिस्तान के 66 साल के इतिहास में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण होने जा रहा है।

इसी बीच पाकिस्तान में लोकतांत्रिक चुनाव की कामयाब कोशिश को दोस्ती की सौगात देते हुए नवाज शरीफ को न्योता दिया है। पाक चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बन उभरी पीएमए [एन] के नेता नवाज शरीफ को जीत की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें भारत यात्रा का आमंत्रण दिया है।

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की जनता और राजनीतिक दलों को तमाम खतरों एवं हिंसा के बावजूद बड़ी संख्या में मतदान के लिए भी बधाई दी। प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्वीट के मुताबिक मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान की नई सरकार के साथ मिलकर दोनों देशों के रिश्तों में नया अध्याय शुरू करने की इच्छा जताई है। नवाज शरीफ की भारत यात्रा की तारीख दोनों पक्ष आपसी सहूलियत से तय करेंगे।

इससे पहले विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक चुनाव में आए किसी भी नतीजे का भारत स्वागत करता है। पाकिस्तानी आम चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पीएमएल [एन] के प्रमुख शरीफ तीसरी बार पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में हैं।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भी पाकिस्तान दौरे का कार्यक्रम बना था। लेकिन मुंबई आतंकी हमले की जांच को लेकर ढिलाई और उसके बाद सीमा पर 8 जनवरी, 2013 को दो भारतीय सैनिकों की गर्दन काटने जैसी घटनाओं के बाद यह कार्यक्रम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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इससे पहले, रविवार को धीमी मतगणना के बीच आए नतीजों में पीएमएल-एन 94 सीटें जीत चुकी थी जबकि रुझानों को मिला दें तो पार्टी को 125 से ज्यादा सीटें मिलने जा रही हैं। इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ [पीटीआइ] और आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] काफी पीछे हैं और क्रमश: उनके खाते में 34 और 32 सीटें आ रही हैं। दोनों दल 21 और 19 सीटों पर कब्जा जमा चुके हैं। 2008 के चुनाव में पीपीपी को 128 सीटें मिलीं थीं और उसने एमक्यूएम और अवामी नेशनल पार्टी के साथ मिलकर पूरे पांच साल सरकार चलाई। वहीं, चुनाव का बहिष्कार करने वाले परवेज मुशर्रफ की पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग भी दो सीटें जीत गई। इसमें एक सीट राष्ट्रीय असेंबली की है तो दूसरी खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतीय असेंबली की। इससे पहले शनिवार को तालिबान की धमकियों और हिंसा के बावजूद पाकिस्तानी नागरिकों ने मतदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। चुनाव के दौरान यहां हिंसा भी हुई, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई।

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शरीफ ऐसे समय में सत्ता में वापसी कर रहे हैं जब पाकिस्तान कई चुनौतियों से सामना करना है। इनमें बढ़ता भ्रष्टाचार, कट्टरपंथ, तालिबान की उपस्थिति और अमेरिका के साथ खराब होते रिश्ते आदि शामिल हैं। पीएमएल-एन के समर्थकों ने सड़कों पर जीत का जश्न मनाया और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए हवाई फायरिंग भी की।

तस्वीरों में देखें नवाज शरीफ की जीत का जश्न

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसा संभव है कि 12 सीटों पर आगे चल रही मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पीएमएल एन को समर्थन दे दे। इसके अलावा शरीफ को जमायत उलेमा-ए-इस्लाम जैसी छोटी पार्टियों का भी सहयोग मिल सकता है, जोकि 11 सीटें पर आगे चल रही है। साधारण बहुमत के लिए किसी दल या गठबंधन को राष्ट्रीय असेंबली की 272 सीटों पर हुए चुनाव के बाद 137 सीटें हासिल करनी होंगी। अन्य 70 सीटें महिलाओं और गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं और ये चुनावी प्रदर्शन के अनुसार विभिन्न दलों के खाते में जाएंगी। इस तरह से 342 सदस्यीय राष्ट्रीय असेंबली में बहुमत के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 172 सीटों की जरूरत होगी।

निर्वासन से निर्वाचन तक का सफर

शरीफ 1990 से 1993 और 1997 से 1999 तक प्रधानमंत्री रहे हैं लेकिन अपना कार्यकाल पूरा होने से पूर्व ही उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। पहली बार भ्रष्टाचार के आरोपों में और दूसरी बार परवेज मुशर्रफ की अगुवाई में हुए सैन्य तख्तापलट में। 1999 में तख्तापलट के बाद शरीफ को जेल में डाल दिया गया और निर्वासन में सउदी अरब भेज दिया गया। वह 2008 के चुनाव से कुछ ही समय पहले पाकिस्तान लौटे और अपनी पार्टी को फिर से खड़ा किया जो पंजाब में भी सत्ता में लौटी। पंजाब देश का सबसे घनी आबादी वाला और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत है क्योंकि संसद के निचले सदन की आधे से अधिक सीटें इसी प्रांत में हैं।

::प्रांतीय चुनाव::

-पीएमएल-एन देश के सर्वाधिक आबादी वाले पंजाब प्रांत में भी सरकार बनाने जा रही है, जहां वह प्रांतीय असेंबली की 297 सीटों में 188 पर आगे चल रही है।

-दक्षिणी सिंध प्रांत में पीपीपी और उसकी सहयोगी एमक्यूएम क्रमश: 66 और 15 सीटों पर आगे चल रही हैं और 130 सदस्यीय प्रांतीय असेंबली में आसानी से सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गई हैं।

-खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अवामी नेशनल पार्टी का सफाया हो गया है और वह केवल तीन सीटों पर आगे चल रही है जबकि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी 31 सीटें हासिल करने वाली है ।

-बलूचिस्तान के रूझान उपलब्ध नहीं हैं लेकिन दक्षिणी पश्चिमी प्रांत में पीएमएल एन, पश्तूनख्वा मिली अवामी पार्टी और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी मेंगाल के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है।

घोषित नतीजे रुझान सहित

पीएमएल-एन – 94 125 से अधिक

पीटीआइ – 21 34

पीपीपी – 19 32

कुल सीटें 272

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