वाशिंगटन। दक्षिण एशियाई राष्ट्र बर्मा ने 1989 में अपना नाम बदलकर म्यांमार कर दिया था। लेकिन, अमेरिका को म्यांमार बोलने में पूरे 24 साल लग गए। म्यांमार के राष्ट्रपति थीन सेन 47 साल में पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जो अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में दाखिल हो सके। इसके साथ ही दोनों देशों के संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को हुई इस मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए हर बार दक्षिण एशियाई देश का नाम बर्मा के बजाय म्यांमार बोला। 1962 में बर्मा में तख्तापलट कर सैन्य सरकार ने शासन संभाला था। सैन्य सरकार ने ही 1989 में देश का नाम म्यांमार कर दिया था। लेकिन, किसी भी अमेरिकी सरकार ने ना तो इस नए नाम को स्वीकारा ना ही सैन्य शासन को मान्यता दी। राष्ट्रपति थीन सेन द्वारा उठाए गए राजनीतिक सुधार संबंधी कदमों के बाद अमेरिका का रुख नरम पड़ा और म्यांमार के राष्ट्रपति की पहली अमेरिका यात्रा संभव हो सकी।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा, अमेरिका म्यांमार के साथ संबंधों को मजबूत कर रहा है। हम न केवल म्यांमार नाम का इस्तेमाल करेंगे बल्कि उस पर लगाए गए प्रतिबंधों भी ढील देंगे। ओबामा ने भी एक बयान में कहा कि म्यांमार में 850 राजनीतिक कैदी छोड़े गए हैं। मीडिया की स्वतंत्रता, बोलने की आजादी और राजनीतिक सुधारों के रास्ते पर म्यांमार आगे बढ़ रहा है। मुस्लिमों के खिलाफ हो रही हिंसा रोकने के लिए म्यांमार सरकार को जरूर कड़े कदम उठाने चाहिए।