लंदन। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर के जर्मन फौजी डॉक्टर सैनिकों को नशे की गोलियां देते थे, ताकि वे बिना सोये लड़ते रहे। एक नाजी सैनिक द्वारा अपने परिवार को लिखे पत्र में यह तथ्य सामने आए हैं। हेनरिच बोल नामक सैनिक के पत्र में इस दवा का जिक्र किया गया है।
जर्मनी के अखबार डेर स्पेगेल में छपी रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध के दौरान फौजी डॉक्टरों ने भारी मात्रा में परवेटीन की गोलियां सैनिकों को दी। इन गोलियों में अत्यधिक नशा होता था।
रिपोर्ट के मुताबिक, 940 के अप्रैल से जुलाई के बीच 35 मिलियन के करीब परवेटीन और आइसोफान (ऐसी ही दूसरी दवा) का वितरण जर्मन सैनिकों के बीच किया गया था।