नागरिकों पर नजर रख कुछ गलत नहीं किया: ब्रिटेन

law-abiding-britons-has-nothing-to-fear-from-gchq-hagueलंदन। ब्रिटेन ने स्वीकार लिया है कि वह अपने नागरिकों पर नजर रख रहा है। विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा कि सरकारी संचार मुख्यालय (जीसीएचक्यू) ने जो किया वह पूरी तरह से कानूनी था। हमने किसी की निजता का उल्लंघन नहीं किया। यदि आप कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं। नागरिकों पर नजर रखने वाले अमेरिकी खुफिया कार्यक्रम ‘प्रिज्म’ के खुलासे की आंच ब्रिटेन तक पहुंच गई थी। ब्रिटेन के द गार्जियन और अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट ने ‘प्रिज्म’ कार्यक्रम का खुलासा किया था।

मीडिया रिपोर्टो में बताया गया था कि अमेरिका ने ‘प्रिज्म’ से जुटाई जानकारियां ब्रिटेन को भी दी थीं। इस मामले पर पहली बार हेग ने कहा कि दोनों देश खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान लंबे समय से कर रहे हैं। जीसीएचक्यू कानून के दायरे में रहकर आपना काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के बारे में काफी बकवास बातें सामने आई हैं। सच इससे काफी अलग है।

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि वह सोमवार को संसद के निचले सद हाउस ऑफ कॉमंस को इस बारे में पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी तो ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता, लेकिन एक बात में ब्रिटेनवासियों को साफ कर देना चाहता हूं कि हमने किसी की निजता या नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया। हेग ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर अमेरिका से मिल रही जानकारियों पर नजर रखता हूं। विपक्षी लेबर पार्टी के प्रवक्ता डगलस एलेक्जेंडर ने संसद को संबोधित करने के हेग के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि हेग को इस बारे में खुलकर बोलना होगा। लोगों का भरोसा कायम रखने के लिए यह बेहद जरूरी है।

रोजाना नहीं लेते इंटरनेट कंपनियों से जानकारी

ओबामा प्रशासन ने कहा है कि वह रोजाना इंटरनेट कंपनियों उपभोक्ताओं के संबंध में जानकारी नहीं लेते। डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलीजेंस (डीएनआइ) जेम्स क्लेपर ने मीडिया में आई रिपोर्टो पर कहा कि विशेष खुफिया अदालत से आदेश मिलने के बाद ही जानकारियां मांगी जाती हैं। प्रिज्म एक सरकारी कार्यक्रम है। इसे कांग्रेस की मंजूरी है और यह 2008 से ही काम कर रहा है। हम इंटरनेट कंपनियों से जानकारी लेने के बाद खुफिया अदालत को देते हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। हम उनकी जासूसी नहीं कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी पहुंची जासूसी की आंच

अमेरिका के दो नजदीकी सहयोगियों ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक भी प्रिज्म कार्यक्रम खुलासे की आंच पहुंच चुकी है। ब्रिटेन और कनाडा की तरफ ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी अमेरिका से खुफिया जानकारियां साझा करते हैं। ऑस्ट्रेलिया की ग्रीन पार्टी ने आशंका जताई है कि उनकी सरकार भी इस खुफिया कार्यक्रम में हिस्सेदार थी। विदेश मंत्री बॉब कार ने रविवार को कहा कि हम इस मुद्दे पर आंतरिक जांच करेंगे। 1940 के बाद से ही ये पांचों देश एक-दूसरे के निकट सहयोगी बने हुए हैं।

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