वाशिंगटन। अमेरिका ने सीरिया पर सैन्य हमले के मुद्दे पर भारत के साथ मतभेद को स्वीकार किया है। साथ ही कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय कानून जरूर लागू करने चाहिए और इनका पालन भी सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि असद जैसे लोग बच न सकें।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक, ‘आमतौर पर भारत ने सैन्य कार्रवाई के समर्थन को लेकर कम ही बयान दिए हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर ध्यान केंद्रित रखा है।’ भारत सुरक्षा परिषद की मंजूरी के बिना किसी भी देश पर एकतरफा हमले का विरोध करता आया है। वहीं अमेरिका ने जोर देकर कहा कि यदि रूस ने सीरिया के खिलाफ सुरक्षा परिषद की किसी तरह की कार्रंवाई के खिलाफ वीटो किया, तो अमेरिका को ही असद प्रशासन को उसकी जिम्मेदारियां याद दिलानी होंगी।
अधिकारी ने कहा कि सीरिया की स्थिति ने अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय कानून को तोड़ने या सुरक्षा परिषद के बाहर जाकर कार्रंवाई करने पर मजबूर कर दिया। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद को लेकर भारत का समर्थन किया है। लेकिन परिषद को ऐसी संस्था बनना होगा, जो अंतरराष्ट्रीय कानून को लागू करे और उनका पालन सुनिश्चित करे। ताकि असद जैसे लोग बच न सकें।’ उन्होंने बताया कि भारत को यह बात समझनी चाहिए कि कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कोई कार्रवाई नहीं कर पाती क्योंकि रूस जैसे सदस्य देश इसके विरोध मे अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हैं।