संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया का रासायनिक हथियार समझौते में शामिल होने का आवेदन स्वीकार कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस संबंध में अमेरिका और रूस के बीच हुए समझौते को लागू करने में समर्थन देने का वादा किया है।
समझौते में शामिल होने के लिए सीरिया ने गुरुवार को आवेदन किया था। इसके तहत रासायनिक हथियारों के उत्पादन और भंडारण पर प्रतिबंध है। इसके अंतर्गत रासायनिक हथियारों के मौजूदा भंडार को नष्ट करना होता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के वकीलों ने इसे स्वीकार करने से पहले इस संबंध में सीरिया से विस्तृत डाटा मांगा था। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया, महासचिव ने सीरिया के इस कदम का स्वागत किया है। कोई भी देश किसी भी समय यह समझौता स्वीकार कर सकता है। समझौते में शामिल होने के एक महीने बाद यह 14 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि बान ने मंत्री जॉन केरी और सर्गेई लावरोव के बीच हुआ समझौता लागू करने में समर्थन का वादा किया और उम्मीद जताई कि समझौते से भविष्य में सीरिया में रासायनिक हथियारों के प्रयोग को रोका जा सकेगा और इससे सीरिया संकट के राजनीतिक समाधान का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।
इस बीच दो शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटरों ने सीरिया के रासायनिक हथियारों के संबंध में अमेरिका द्वारा रूस के साथ किए गए समझौते को लेकर ओबामा प्रशासन की आलोचना की। एरिजोना से सीनेटर जॉन मैक्केन और दक्षिण कैरोलिना से सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि हमारे मित्र और विरोधी देश इसे अमेरिका की कमजोरी के रूप में देखेंगे।
इजरायल को भी सता रहा डरइजरायल को आशंका है कि सीरिया के बाद उसे भी अपने रासायनिक हथियार सौंपने के लिए कहा जा सकता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि सीरिया के रासायनिक हथियार इजरायल की सैन्य क्षमता के जवाब में हैं। हालांकि रासायनिक हथियार सौंपने को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव के प्रति सावधान रहते हुए इजरायल इस बात के लिए दृढ़ है कि जब तक क्षेत्र के अन्य देश रासायनिक हथियार संधि को स्वीकार नहीं करते हैं तब तक वह भी इसे स्वीकार नहीं करेगा।