लंदन। शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामित पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई ने कहा है कि वह भविष्य में राजनेता बनना चाहती हैं, ताकि अपने देश में सभी के लिए शिक्षा को अनिवार्य कर सकें। लड़कियों की शिक्षा की पैरोकारी करने के कारण ही तालिबान ने पिछले साल अक्टूबर में उन्हें अपनी गोली का निशाना बनाया था।
बीबीसी को दिए साक्षात्कार में 16 वर्षीय मलाला ने कहा, मैं भविष्य में राजनेता बनना चाहती हूं। मैं अपने देश का भविष्य बदलना चाहती हूं। मैं शिक्षा को अनिवार्य बनाना चाहती हूं। मुझे उम्मीद है कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब मेरे देश के लोग आजाद होंगे। उनके पास उनके अधिकार होंगे। सभी लड़के और लड़कियां स्कूल जाएंगे। हमारे समाज की सबसे बड़ी कमी यह है कि हम सुधार के लिए किसी दूसरे कीपहल का इंतजार करते हैं।’
अपने परिवार के साथ बर्मिघम में रह रही मलाला ने स्वीकार किया कि ब्रिटेन की संस्कृति उनके लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए विशेष रूप से मेरी मां के लिए यहां सब कुछ नया था। हमने कभी नहीं सोचा था कि महिलाएं इतनी आजाद हो सकती हैं। वे किसी भी बाजार में जा सकती हैं और वह भी किसी पुरुष को साथ लिए बिना।’ मलाला ने कहा, ‘मैं पश्चिम सभ्यता को नहीं अपना रही। मैं अभी भी अपनी पश्तून संस्कृति का अनुसरण करती हूं।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में शांति व स्थायित्व के लिए तालिबान से वार्ता किया जाना जरूरी है।