काश सुनील अरोड़ा मुख्य सचिव या अन्य किसी भी महत्वपूर्ण पद पर होते

rajesh tandon 4काश आज माननीय सुनील अरोड़ा साहब IAS राजस्थान में मुख्य सचिव के या अन्य किसी भी महत्वपूर्ण पद पर होते तो राजस्थान की ये दुर्दशा ना होती ये आराजकता और अनिश्चितता का वातावरण ना होता।IASअधिकारी ऐसे उत्श्रंखल ना होते जैसे आज हो रहे है,वर्तमान में उनसे किसी को काम लेना ही नहीं आ रहा है, वो निरंकुश हो गये है।योजनाओं का क्रीयान्वन ही नहीं हो रहा है अक्रम्नयता अपनी चरम सीमा पर है। पुलिस विभाग में प्रमोशन हुए करीब 6 माह का समय हो गया सरकार ट्रान्सफर लिस्ट तक तो निकाल नहीं पा रही है पुलिस की जितनी भद पिट रही है वो कोई अच्छी बात नहीं है। रोज नया बहाना कभी गुजर आन्दोलन के बाद तो कभी डागांवास आन्दोलन के बाद कभीओला वृष्टी का मुआवजा के बाद,मुआवजा तो दूर अभी है अभी कई जिलों से
रिपोर्ट भी पूरी नहीं आई है फसल खराबे की ।रिसर्जेन्ट राजस्थान के रोडशो तो देश में हो रहे पर राजस्थान में तो कुछ करो भाई …..राजस्थान की एक कहावत चरीतार्थ होती दिख रही है घरे पावना आ गया और धान उन्दरा (चूहा) खागया।अरोडा साहब ने जो रीको में उद्योग विभाग में क्रान्ति लाई औऱ विदेशी निवेश करवाया उसको राजस्थान की जनता कभी नहीं भुला पायेगी।अलवर नीमराना भिवाडी उसके गवाह है औऱ आज सचिवालय में सिवाय मिटिगों के क्या हो रहा है बस पब्लिसिटी औऱ पब्लिसिटी और चाय पार्टी बाकी सब ठन ठन पाल।माननीया मुख्य मंत्री जी आप स्वयं इतना काम कर रही पर टीम वर्क नहीं है जो आपके साथ दौड़ सके वो अधिकारी नहीं है जो उर्जावान हो , बस चाटुकारो की फौज से क्या होता है वह सारा राजस्थान देख ही रहा है, ना तो योजना है औऱ ना इच्छा शक्ति है।अधिकारियों का राजनीति करण मत करो ये तो किसी के भी सगे नहीं होते एक आध को छोड के ,अभी समय है मेडम जी अगर जय जय राजस्थान के नारे को सार्थक करना है तो सुनील अरोडा साहब को दिल्ली से वापस ले आऔ राजस्थान के हित में औऱ गुड गवर्नेस करो औऱ राजस्थान में अपने पैर मजबूत करो नहीं तो इतिहास फिर वही दौहरायेगा जो हर पांच साल में आज तक होता आया है,कभी BJP औऱ कभी कान्ग्रेस, ऐसा बहुमत भी अब जीवन में फिर नहीं आयेगा

राजेश टंडन वकील अजमेर

error: Content is protected !!