बैंसला को क्रेडिट नहीं लेने देने का खेल

गुर्जर आरक्षण मुद्दे पर संसदीय सचिव पद से इस्तीफा देने वाले राजेंद्र सिंह विधूड़ी के समर्थन में जिस प्रकार सरकारी मुख्य सचेतक रघु शर्मा और कांग्रेस विधायक प्रतापसिंह खाचरियावास खुलकर सामने आए हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह सोची समझी रणनीति है। विधूड़ी ने केवल अपने स्तर पर ही इस्तीफे का निर्णय नहीं किया है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है, मगर कानाफूसी है कि विधूड़ी ने कांग्रेस आला कमान में बैठे कुछ रणनीतिकारों की भी सलाह ली है। रणनीति ये है कि किसी भी प्रकार से गुर्जरों के पक्ष में किए जाने वाले संभावित फैसले की क्रेडिट कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को न लेने दी जाए। इसके साफ संकेत इस बात से भी मिलते हैं कि विधूड़ी ने अपने आवास के बाहर जो सम्मेलन किया, उसमें बैंसला पर जम कर निशाने साधे गए। खुद विधूड़ी का तर्क ये है कि समाज के 72 लोगों को मरवा कर भाजपा से टिकट लेने वाले कर्नल बैसला से सरकार वार्ता करती है तो यह गलत है। उन्होंने इस सिलसिले में सोनिया और राहुल गांधी से मिलकर सरकार की हकीकत बताने का भी ऐलान किया। हालांकि उनके यह कहने पर कि गहलोत सरकार किस तरह भाजपा के गुर्जरों को अहमियत दे रही है और कांग्रेस से जुड़े लोगों को दरकिनार कर रही है, विधूड़ी गहलोत सरकार के विपरीत प्रतीत होते हैं, मगर यह केवल दिखावा मात्र है।

error: Content is protected !!