माना कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते, मगर…

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश की मौजूदा हालत पर राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते, इस पर फेसबुक पर आंखें खोलो इंडिया के नाम बने अकाउंट पर बहुत ही दिलचस्प टिप्पणी की गई है। इसमें लिखा है कि ये हमने मान लिया कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते, मगर ये भी तो सत्य है कि कोयले की खदानों से अवश्य निकलते हैं।
साथ ही लिखा है कि 1991 में खुद वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह आर्थिक उदारीकरण की बयार भारत में लाये थे , जिसके परिणाम स्वरुप लोगो का ध्यान विदेशी सामान, कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल ..आदि आदि मन बहलाने वाले सामानों की तरफ ही रह गया, और कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के मंत्री घोटालों पे घोटाले करते गये, जिसका खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है, ऊपर से ये महाशय फिर से विदेशियों को खुला आमंत्रण दे रहे हैं की आओ जो बच गया है, उसे भी लूट ले जाओ!

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