सम्पूर्ण भाजपा को अपनी जेब मे रखने वाला पुरुष आलाकमान को हमारी मूछ वाली महिला मुख्यमंत्री के सामने पूछ पर हाथ रखने मजबूर होना पड़ा है ।
यह राड़ तब है जब राजनीतिक गलियारों में सक्रिय लोगो को यह ध्यान है कि प्रदेशाध्यक्ष किसी के टिकट काटने और देने में सक्षम नही है सभी दलों के टिकिट अपनी अपनी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही करता है तो फिर यह मूछ की राड़ नही है तो क्या है ?
पर कुछ भी हो हमारी यशस्वी मूछ वाली महिला ने पूरे देश मे अपनी मुछे तान तान कर डंडे बजाकर पार्टी के अंदर और बाहर दहशत फेला रखी है उन पहलवानों की मूछ अभी उखाड़ी नही है तो ढीली जरूर कर दी है ।
अब देखने वाली बात यह है कि कि मूछ मर्दो वाली जीत जाती है औरतो वाली !
मगर चित पुट का निर्णय कुछ भी हो इन पहलवानों का दम तो मेडम ने निकल ही दिया है ।
महेंद्र सिंह भेरून्दा