*वी.के. सिंह जी भी कमीशनरेट में कमीशनर बनने के लिये अडे हुए है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी के अलावा बिहारी नेटवर्क पर मुख्यमंत्री जी के प्रधान सचिव बिहारीयों के रहनुमा तन्मय कुमार जी भी वी.के. सिंह जी को जयपुर कमीशनर बनाने के लिये पुरी ताकत से लगे हुए है, वी.के. सिंह जी आगामी जनवरी में ए.डी.जी. बन जायेगे पर उन्हें पता है की कमीशनरेट में जंगाराव जी एवम् संजय अग्रवाल जी भी ए.डी.जी. बने बाद लम्बे समय तक कमीशनर बने रहे है इसलिये भी वी.के. सिंह जी यह स्वंर्ण अवसर खोना नहीं चाहते है। राजनाथ सिंह जी कई मामलो में राजस्थान में फेल हो चुके है जैसे- गैंगस्टर आनंदपाल सिंह वाले प्रकरण में , अजमेर दरगाह कमेटी में जिसको वो अध्यक्ष बनाने चाहते थे उसे नहीं बनाकर मैडम ने अपने मर्जीदान अमीन खां पठान को अध्यक्ष बनवा दिया इसी प्रकार ऐसे कई उदाहरण है जब राजनाथ सिंह जी की राजस्थान में बिल्कुल भी नहीं चली जो मैडम ने चाहा वही हुआ और अभी भी मैडम संजय अग्रवाल जी को बदलना नहीं चाहती क्योंकि संजय अग्रवाल जी ने जो जयपुर में टीम वर्क के साथ जो कानून व्यवस्था संभाली है और पुलिस का ईकबाल बुलंद किया है वो अपने आप मे एक मिसाल है जिससे सरकार की प्रतिष्ठा में चार चांद लगे है इसलिये मैडम संजय अग्रवाल जी को नहीं हटाना चाहती है और जयपुर में जो मैडम का प्रभा मंडल जो आम जनता के बीच बना है उसमें बहुत बडा हाथ जयपुर कमीशनरेट के कमीशनर संजय अग्रवाल जी व उनकी टीम का बहुत बडा योगदान है।*
*वी.के. सिंह जी पर पॉवर, प्रेशर बनाया जा रहा कि वो आई.जी. रेन्ज का कोई भी पद ले ले पर सरकार उन्हें कमीशनर बनाने की मूड में नहीं है इसलिये आई.जी. रेन्ज की ट्रांसफर लिस्ट कुछ दिन के लिये वी.के. सिंह जी के जिद्ददी स्वभाव की वजह से मैडम ने टाल दी है पर यह सभी जानते है कि राजस्थान में होगा वहीं जो मैडम चाहेंगी और सबको पता है कि गृहमंत्री सेठ गुलाब चंद कटारिया की गृह विभाग में कितनी चलती है वो तो सिर्फ छोटे लेवल के संघनिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पेरोकारी करते है अन्य किसी भी मामले में वो नहीं बोलते और ना ही कोई उनकी सुनता है इसलिये आई.जी.पी. व उससे वरिष्ठ अधिकारियो वाले मामले में तो उन्हें भी अखबारो से ही पता चलेगा जैसे राजस्थान के आम लोगो को पता चलेगा इसलिये फिलहाल अभी आई.जी. रेन्ज की लिस्टे टाल दी गई है।*
राजेश टंडन वकील अजमेर*