टीम अन्ना का ऑफिस बंद की नौबत

कानाफूसी है कि टीम अन्ना के दिल्ली ऑफिस के उजड़ने की नौबत आ गई है। अब इसे बचाने की कोशिश हो रही है। ऑफिस के लिए किराए का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा है। पहले एक साल तक हर महीने 1 लाख रुपए का इंतजाम किया गया था, लेकिन कोऑर्डिनेशन टीम मेंबर्स की आपसी खींचतान के बाद अब इंतजाम करने वाली मेंबर ने अपने हाथ खींच लिए। आलम यह है कि एक कोर मेंबर को इस ऑफिस में मीटिंग करने से भी मना कर दिया गया। नवंबर के दूसरे हफ्ते में अन्ना हजारे ने सर्वोदय एन्क्लेव में दिल्ली ऑफिस का उद्घाटन किया था। उससे पहले ऑफिस की जगह को लेकर काफी विवाद हो चुका था। टीम अन्ना के कई मेंबर और वॉलंटियर्स कौशांबी में ऑफिस चाहते थे जहां महीने का किराया 18 हजार रुपए था और मेट्रो के नजदीक भी। लेकिन सर्वोदय एन्क्लेव में ऑफिस बनाया गया जहां हर महीने 50 हजार रुपए देने होते हैं। किरन बेदी ने इसी जगह को फाइनल करने के लिए स्पॉन्सर भी ढूंढ लिया था। गुजरात के एक सीए ने एक साल तक हर महीने ऑफिस के लिए 1 लाख रुपए देने का वादा किया।
किरन बेदी के ही पहचान के थे और उन्हीं के जरिए मदद की पेशकश की थी। इस डोनर पर भी सवाल उठे कि उनका नाम कोऑर्डिनेशन कमिटी को क्यों नहीं बताया जा रहा है। ऑफिस खुले हुए महज एक महीना ही हुआ था कि मकान मालिक को नोटिस दे दिया गया कि जनवरी अंत तक यह ऑफिस खाली कर देंगे। किरन बेदी ने पिछले महीने मकान मालिक को नोटिस दिया। साथ ही टीम को भी बता दिया कि वह अब किराए का इंतजाम नहीं करेंगी। इसके बाद अब टीम अन्ना के एक मेंबर की तरफ से सभी को मेसेज भेजकर किराए का इंतजाम करने की अपील की जा रही है। किरन बेदी दो वजहों से किराए की जिम्मेदारी से पीछे हटीं। एक तो सीक्रेट डोनर पर सवाल उठ रहे थे और दूसरा जिनके भरोसे ऑफिस छोड़ा गया था उनसे खींचतान हो गई। ऑफिस में एक-दो मीटिंग के अलावा अभी तक आंदोलन से जुड़ी कोई भी एक्टिविटी नहीं हुई हैं। जब टीम के कोर मेंबर शशिकांत ने 12 जनवरी को ऑफिस में हरियाणा में संगठन खड़ा करने के लिए मीटिंग करनी चाही तो उन्हें मना कर दिया गया और इस पर काफी बहस हुई। शशिकांत ने भी इस घटना से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि हां ऐसा हुआ था लेकिन हमने फिर मीटिंग वहीं की और वह काफी सफल भी रही।

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