हाल ही जिस प्रकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के बीच व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ और उसमें भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया भी कूदे, उससे लगता तो यही है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत पर भी निशाने साधे जाएंगे। वसुंधरा व सोमैया ने इसकी शुरुआत करते हुए गहलोत के पुत्र व पुत्री का जिक्र शुरू भी कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों किरीट सोमैया को गहलोत सरकार के काले कारनामे सूचीबद्ध करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने कांग्रेस सरकार का कच्चा चिट्ठा बनाया था, जिसमें अनेक घोटालों सहित वैभव गहलोत पर भी इशारा किया था। कानाफूसी है कि सोमैया ने अजमेर के एक जमीन विवाद के मामले के तार वैभव गहलोत से जोडऩे संबंधी कागजात भी जुटा लिए हैं, जिनका खुलासा वे वक्त आने पर करेंगे। लगभग साफ-सुथरी छवि के अशोक गहलोत के लिए उनके पुत्र के कार्यकलाप एक कमजोर कड़ी है, तभी तो जैसे ही जमीन विवाद से उसका नाम जुड़ा तो उन्होंने जमीन आबंटन ही निरस्त करवा दिया। दिलचस्प बात ये है कि वैभव का जो नेटवर्क है, उसी के कुछ तार भाजपा के नेताओं से भी जुड़े हुए हैं, इस कारण वैभव के बारे में जानकारियां जुटाना सोमैया के लिए आसान है।