जिगरी दोस्त तो सभी के होते हैं, लेकिन जिगरी दुश्मन बिरलों को ही नसीब होते हैं। अब देखिए न, यूआईटी अध्यक्ष नरेन शाहणी भगत एवं अशोक मटाई की दुश्मनी भी निराली है। विषय कोई भी हो, बातों ही बातों में दोनों अपनी जिगरी दुश्मनी का जिक्र करना नहीं भूलते। राष्ट्रीय सिंधी समाज राजस्थान के महामंत्री अशोक मटाई ने ईलाईट रोस्टोरेंट में प्रेस कांफ्रें स तो बुलाई सिंधी समाज को अल्पसंख्यक घोषित करने बाबत, लेकिन अपने जिगरी दुश्मन की कार गुजारियों का बखान करना नहीं भूले। इसे कहते हैं, जिगरी दुश्मनी। वैसे भी लोग, दोस्तों की इतनी खबर नहीं रखते, जितनी दुश्मनों की!
-प्रवेश शर्मा, प्रबंध संपादक, दैनिक न्याय सबके लिए