बाबा रामदेव के गुरु के गुरु शंकरदेव के अपहरण और गायब होने के मामले में सीबीआई जल्द ही बाबा और उनके सहयोगी बालकृष्ण से पूछताछ कर सकती है। बाबा रामदेव के गुरु स्वामी शंकर देव 6 साल पहले रहस्यमय हालात में गायब हो गए थे। इस मामले को दुबारा खुलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रकार पुष्प शर्मा भी सीबीआई के सामने पेश होंगे। पुष्प शर्मा ही स्टिंग के जरिए इस मामले को दुबारा सुर्खियों में लाए थे, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक एक टीम बाबा रामदेव के गुरु के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पहले ही हरिद्वार का दौरा कर चुकी है। अब इस मामले में योग गुरु बाबा रामदेव से पूछताछ करने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि करीब 6 साल पहले जुलाई 2007 में सुबह की सैर के लिए गए स्वामी शंकर देव लौटकर वापस नहीं आए थे। बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की ओर से कनखल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। यह एफआईआर स्वामी शंकर देव के लापता होने के तीन दिन बाद दर्ज कराई गई थी। पुलिस उनका पता लगाने में नाकाम रही थी, जिसके बाद से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। अब सीबीआई बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण से पूछताछ करने के लिए हरिद्वार का एक और दौरा कर सकती है।
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ ऐसी जानकारी पाने के लिए होगी, जिससे स्वामी शंकर देव के बारे में कोई जानकारी जुटाई जा सके। सीबीआई ने पिछले महीने इस बारे में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 365 के तरह मामला दर्ज किया था। यह धारा किडनैपिंग और अवैध रूप से बंधक बनाकर रखने पर लगाई जाती है।
हमने वो स्टिंग ऑपरेशन भी देखा है और शंकर देव जी का वो आखरी नोट भी पढ़ा है …
ये सब स्वामी रामदेव जी को बदनाम करने व् जूठी बातो में फ़साने की साजिस है …
कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है ,,, क्यू के स्वामी रामदेव जी देश को कांग्रेस से मुक्ति दिलाना चाहते है ..
पुष्प शर्मा कोई पत्रकार नहीं है अपराधी है उस पे पहले बी कई मुकदमे दर्ज है …
जय हिन्द .
पत्रकार पुष्प शर्मा दिल्ली में ही एक मामले का सामना करना पड़ रहा है.
पुलिस विभाग ने पिछले चार वर्षों में उस पर कुछ भी साबित करने में विफल रहा.
यह बाबा रामदेव पर मामला दायर किया है जब आप एक ही दिल्ली पुलिस आपराधिक कहते हैं.
वही पुलिस ने एक पत्रकार पर एक मामला पंजीकृत करता है तो वे सबसे अच्छा पुलिस अधिकारी बन गया?
बाबा पर केस तो पुलिस अपराधी है?
पत्रकार पर मामला तो पुलिस सही है?
क्यों बाबा रामदेव कानून से ऊपर है?
बाबा रामदेव अपराधी नहीं है तो वह कानून का सामना करना चाहिए.
कानून सही और गलत तय करेगा….
आप निंदक अनुयायी हैं
बाबा रामदेव और उनके अनुयायी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं…..
बाबा रामदेव के अनुसार उसे छोड़कर इस देश में हर कोई भ्रष्ट है.
वे सभी जो रामदेव के कृत्यों , गतिविधियों को उजागर करता है…… वे सब भ्रष्ट हैं.
पुराने लोगों का कहना है
हर महान सौभाग्य के पीछे एक अपराध है.
यह बाबा रामदेव के मामले में लागू होता है.
वह और उनके अनुयायियों आलोचना को स्वीकार नहीं कर सकते.
बाबा झूठा है …. वह कायर है.
वह कुत्ता डरा हुआ है.
वह अपने ही गुरु का हत्यारा है.
भगवा कपड़े के पीछे वह अपराधी है.
यह इस तरह के स्टिंग आपरेशन करने के लिए बहुत साहस की आवश्यकता है.
यह स्पष्ट है.
बाबा और उनके अनुयायियों के इस पत्रकार के लिए खराब भाषा का उपयोग करेगा.
वे इस पत्रकार की सराहना नहीं कर सकते हैं.
स्थानीय पुलिस गुरू shanakrdev मामला बंद कर दिया था.
लेकिन इस पत्रकार ने अपने स्टिंग आपरेशन से रामदेव के लिए समस्या पैदा की.
स्टिंग आपरेशन सत्य पर आधारित था.
यही कारण है
अब यह सीबीआई द्वारा जांच की जाएगी.
शाबाश पुष्प
भगवान तुम्हारे साथ है
मीडिया तुम्हारे साथ है
हमारे शास्त्रों में काम और क्रोध को बहुत बुरा माना गया है. कहते हैं इंसान क्रोध में विवेक खो देता है, फिर संतों को तो वैसे भी क्रोध से दूर रहना चाहिए.. यदि बाबा रामदेव अपने गुरु शंकरदेव की गुमशुदगी मामले में निर्दोष हैं तो उन्हें पुष्प शर्मा पर इतना गुस्सा क्यों आ रहा है? पुष्प शर्मा ने यदि उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए कोई फोन किया या इस मकसद से उन्हें कभी धमकाया हो तो उसके खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करवाएं, जैसा कि उन्होंने अपने ड्राईवर के ज़रिये करवा भी रखा है, बजाय क्रोध में तमतमाते हुए अपने मालिकाना हक के चैनल पर पुष्प शर्मा को हड्काने के और ढूंढवाएं अपने गुरुदेव को. आखिर कहाँ खो गए स्वामी शंकरदेव? जब यह सच्चाई सामने नहीं आती शक की सुई तो बाबारामदेव पर ही आयेगी, क्योंकि उनके लाभान्वित तो बाबा रामदेव ही है न? क्रोध दिखाकर तो वे खुद को अपराधी साबित कर देंगे. क्योंकि यदि आप संत होकर क्रोध नहीं छोड़ पाए तो मोह भी नहीं छूटा….!
पुष्प शर्मा के स्टिंग ऑपरेशन से बौखला गए बाबा रामदेव…
रामदेव और उनके चाहने वालो को किस बात का दर्द है? एक पत्रकार ने पुलिस वालो को कैमरे पर लिया और अगर पुलिस वाले अपने काम की कमी निकलते हैं तो इसका मतलब पुष्प शर्मा ने बाबा के प्रिये गुरु जी को ये दिखाया के देखिये रामदेव जी पुलिस आपके प्रिये गुरु जी को लेकर कभी गंभीर नहीं थी …..जबकि वो आपको जान से प्यारे , दुलारे बुजुर्ग थे ……ये तारीफ का काम है मेरे ख्याल से अगर कोई हमारे बुजुर्ग की तलाश करने मैं हमरी सहायेता करे वो इन्सान देवता हुआ ऐसा हिन्दू मानते हैं और हम मुस्लिम भी
माफ़ करना अगर मैं किसी का पक्ष लेता दिख रहा हूँ तो पर मुझे कहीं भी ये नहीं दिखा के पुष्प शर्मा ने रामदेव को उनके गुरु की गुमशुदगी या हत्या का जिम्मेदार ठहराया हो …….
और आज जैसा भाई पुष्प ने दावा किया के वो ये साबित करेंगे के रामदेव का परिवार मुसलमानों का खून पीकर आया है तो इस सच को हमे खुले दिल से लेना चाहिए अगर कुछ गलत होगा तो कोर्ट मैं इस पत्रकार को सज़ा मिलेगी हम सज़ा देने वाले होते कोण हैं
हम नफरत करके प्यार का सन्देश नहीं दे सकते कभी भी नहीं दे सकते
सभी को सादर प्रणाम
अधिकतम लोग आज भी यह सोचते हैं कि थाने में रपट का होना ही किसी के विरुद्ध कुछ भी लिखने की पूरी आजादी दे देता है।
पुलिसकर्मी किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मामला दायर कर सकते हैं.
इसके अभी भी अदालत में मुकदमे में तो आप कैसे वह अपराधी है मान सकते हैं.
पुलिस विभाग भारत में कैसे काम करता है?
यह तथ्य छिपा नहीं है. हम सब बहुत अच्छी तरह से जानते हैं.
पुलिस पत्रों पर किसी भी एक आपराधिक बना सकते हैं.
इसका कोई मतलब नहीं है.
बाबा रामदेव एक आपराधिक दिमाग है.
अब यह बहुत स्पष्ट है.
बाबा रामदेव के अनुसार … “पत्रकार पुष्प शर्मा ने उस पर लंबित कई मामलों है” … तो उसकी पत्रकारिता का काम विश्वसनीय नहीं है
बाबा रामदेव अफवाहें फैल रहा है.
पुष्प पर एक मामला है.
जो 2009 के बाद से विचाराधीन है.
जो लोग पुष्प शर्मा पर उंगलियां उठा रहे हैं.
वे अतार्किक और तर्कहीन हैं.
दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एक मामला दायर किया.
फिर भी पुष्प प्रतिष्ठित मीडिया घरानों के लिए काम कर रहा है.
दिल्ली पुलिस की एफआईआर पढ़ें. आप पता चल जाएगा. पूरी कहानी फिल्मी पटकथा है.
लेकिन रामदेव अब अफवाहों का आश्रय ले जा रहा है.
He is criminal now.
झूठ के पीछे के सच को अगर बाहर न लाया जाए तो झूठ खतरनाक आकार ले लेता है. सच्चाई का चेहरा विकृत हो जाता है और अराजकता घर करने लगती है.
पुरानी कहावत है कि झूठ को अगर लगातार और कई तरीकों से फैलाया जाता है तो वह सच बन जाता है या फ़िर कम से कम सच को डुबो तो देता ही है.
यह कारण है.
बाबा रामदेव बड़ा शोर कर रहा था.
बाबा रामदेव आम जनता का ध्यान हटाने के लिए सनसनी पैदा कर रहा था.
बाबा रामदेव बड़ा शोर कर रहा था.स्टिंग ऑपरेशन से भी बड़ा.
बाबा की रणनीति के रूप में शोर का इस्तेमाल किया.
आमरण अनशन
जिलेवार आंदोलन
लोग स्थानीय पुलिस पर दबाव डाल रहे थे.
लेकिन अंत में क्या हुआ?
पुलिस ने मीडिया के स्टिंग ऑपरेशन की सराहना की. स्वामी शंकर देव जी की फाइल फिर से खोल दी.
बाबा रामदेव इस फाइल को बंद करने के लिए अपने सभी संपर्कों का इस्तेमाल किया. लेकिन इस पत्रकार रामदेव के लिए समस्या पैदा की.
यह स्पष्ट है. क्यों रामदेव इस पत्रकार की सराहना करेंगे.
रामदेव और उनके करीबी लोगों को अब जेल जा सकते हैं
रामदेव गहरे दर्द में है
योग इलाज करने में सक्षम नहीं है
पत्रकार पर आरोप मत डालो.
बस हमें बताओ
स्वामी शंकर देव कहां है?
आप हत्यारे हैं
स्वामी शंकर देव जी का है जहां आप क्यों नहीं बताते?
गंभीर आरोप लगने पर चिल्लाचोट की रणनीति भले ही चतुर लेकिन निंदनीय राजनीतिक दांव हो लेकिन भारतीय संभ्रांत वर्ग की साजिश ढूंढने का शगल समझ से परे है. इससे केवल खुद के बारे में सोचने वाली संस्कृति की बू आती है
जहां कोई जनहित कोई मकसद ही नहीं होता.
किसी की राय से सहमत न होना अलग बात है. लेकिन खुद ही ये मान लेना कि आम लोगों के मुद्दों को उठाने वाले लोग भष्ट्र हैं, हमारे बारे में कई गंभीर पहलुओं की पोल खोलता है. इस विकृति का कुछ लेना-देना हमारी गुलामी के समय से भी है–वह दौर जब हम ईर्ष्या, चालाकी, साजिश, चुगली या धोखा, किसी भी तरह से गोरे मालिकों को खुश करने के लिए बैचैन रहते थे.
सच से बेनकाब होते लोगों की रणनीति इतना शोर मचाने की थी कि उसमें सब कुछ डूब जाए—अच्छा, बुरा, सच, झूठ सब कुछ.
आप लोगों को बेनकाब करते हैं. वही लोग शोर करते हैं. दुर्भाग्य से हम शोर की दुनिया में रह रहे हैं. बड़ा शोर सच के रूप में लिया जाता है.
रामदेव पत्रकार और मीडिया पर आरोप इस्तेमाल शुरू कर दिया.
यह कारण है
उसका दुश्मन पत्रकार है
उसका दुश्मन आईबीएन 7 है
उसका दुश्मन आउटलुक पत्रिका है
इन तीन रामदेव के अंधे अनुयायियों के रूप में व्यवहार नहीं किया. ये तीन रामदेव का असली चेहरा दिखाना चाहता था….यह इन लोगों और संस्थाओं का अपराध है.
नैनीताल उच्च न्यायालय ने पत्रकार के काम की सराहना की.
लेकिन अभी भी रामदेव नाराज है
रामदेव यादव बस एक अपराधी है
वह मानता है
वह कानून से ऊपर है
अब रामदेव के भौंकने बंद कर देना चाहिए
जरा बताओ
स्वामी शंकर देव कहां है