गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर जिस तरह की बहस इन दिनों हो रही है, उसे लेकर वे व्यथित नजर आते हैं। भले ही इसी विवाद की वजह से वे चर्चा में आए हैं, मगर अब यह विवाद उन्हें अब अखरने लगा है। मोदी ने राजनीति में बढ़ रही छुआछूत की प्रवृत्ति पर अफसोस जताया है। मोदी ने केरल के शिवगिरी में नारायण मठ के दौरे को लेकर सीपीआई एम और कांग्रेस के विरोध के मद्देनजर ये बात कही। मोदी बुधवार को नारायण मठ के गोल्डन जुबली समारोह में गए थे। सीपीआई एम और कांग्रेस ने कार्यक्रम में मोदी को बुलाए जाने का विरोध किया था। लेफ्ट नेता वी एस अच्युतानंद ने तो कार्यक्रम का बहिष्कार किया। यहां मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत मलयालम से की, बाद में हिंदी में बोले। इस दौरान उनके भाषण का मलयालम में अनुवाद किया गया। मोदी ने कहा कि भले ही समाज से छुआछूत काफी हद तक खत्म हुई है, लेकिन राजनीतिक अस्पृश्यता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। मोदी ने श्री नारायण धर्म मीमांसा परिषद की गोल्डल जुबली समारोह के उदघाटन के दौरान ये बात कही। हालांकि उन्होंने किसी पार्टी के नाम का जिक्र नहीं किया, लेकिन मोदी का इशारा उनके दौरे को लेकर वामदलों और कांग्रेस के रवैये को लेकर था। मोदी के इस दौरे का सीपीआई एम ने विरोध किया था। दिलचस्प बात ये रही कि मोदी ने यहां कोई विवादास्पद बयान देना मुनासिब नहीं समझा और केवल श्री नारायण गुरु की उपलब्धियों और राष्ट्रीय आंदोलन और आजादी के संघर्ष में उनके योगदान पर चर्चा की। साथ ही गुजरात के विकास पर भी अपना नजरिया रखा।