मीडिया कुछ इस तरह से पूछती भगवान राम से सवाल

ramजब भगवान राम अयोध्या लौट कर आये थे, यदि उस समय हमारी मिडिया रही होती तो प्रेस कांफ्रेंस में कैसे-कैसे सवाल करती…इसकी कल्पना की है फेसबुक पर अजमेर निवासी एक प्रबुद्ध नागरिक नरेन्द्र सिंह ने।
उन्होंने लिखा है कि
-आपकी टीम के श्री हनुमान को लंका सन्देश देने भेजा था पर उन्होंने वहां आग लगा दी…. क्या आपकी टीम में अंदरूनी तौर पर वैचारिक मतभेद है?
– क्या हनुमान के ऊपर अशोक वाटिका उजाडऩे के आरोप में वन विभाग द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?
– आपके सहयोगी श्री सुग्रीव पर अपने भाई का राज्य हड़पने का आरोप है, क्या आपने इसकी जांच करवाई?
– क्या ये सच है कि सुग्रीव की राज्य हड़पने की साजिश के मास्टर माइंड आप हैं?
– आप चौदह साल तक वनवास में रहे, आपको अपने खर्चे चलाने के लिए फंड कहां से मिले? क्या आपने उस फंड का ऑडिट करवाया है?
– आपने सिर्फ रावण पर हमला क्यों किया,जबकि राक्षस और भी थे?
-क्या ये लंका की डेमोक्रेसी को अस्थिर करने की साजिश थी?
क्या ये सच नहीं है कि रावण को परेशान करने के मकसद से आपने उनके परिवार के निर्दोष लोगों जैसे कुम्भकरण पर हमला किया?
– क्या आपकी टीम के हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी की जगह पूरा पहाड उखाड़ लेना सरकारी जमीन के साथ छेड़छाड़ नहीं?
– क्या ये सच नहीं कि आपने हमले से पहले समुद्र पर पुल बनाने का ठेका अपने करीबी नल और नील को नहीं दिया?
– आपने पुल बनाने के लिए छोटी-छोटी गिलहरियों से काम करवाया. क्या इसके लिए आप पर बाल श्रम कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?
– आपने बिना किसी पद पर रहते हुए युद्ध के समय इन्द्र से सहायता प्राप्त की और उनका रथ लेकर रावण पर हमला किया। क्या आप इन्द्र की टीम ए है?
– इस सहायता के बदले में क्या आपने इन्द्र को ये वादा नहीं किया कि अयोध्या का राजा बनने के बाद आप उन्हें अयोध्या के आस पास की जमीनदे देंगे?
– आप युद्ध में अयोध्या से रथ न मंगवा कर इन्द्र से रथ लिया…. क्या ये इन्द्र की कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया?
हैं न दिलचस्प सवाल, जो वाकई आज की मीडिया पर खरे उतरते हैं।

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