ऐसे हुई छीतरमल टेपण की फजीहत

chitar mal tepan

अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट के दावेदार छीतरमल टेपण की चलते रस्ते बड़ी फजीहत हो गई। हुआ यूं कि हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा हाल ही जब तीर्थराज पुष्कर आए तो टेपण ने उनका स्वागत किया और उसके बाद अपना परिचय देते हुए एक पुस्तक भेंट करनी चाही, जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में टेपण का चेहरा देखने लायक था। असल में उन्होंने सोचा होगा कि इस पुस्तक के बहाने अपनी ही खटीक समाज के पुराने नेता पहाडिय़ा, जो कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं से नजदीकी कायम होगी, जो कि आगामी चुनाव के दौरान टिकट लेने के लिए उपयोगी रहेगी, हो सकता है कि वे जाति के नाते हाईकमान के सामने उनकी पैरवी करें, मगर उन्हें क्या पता कि पहाडिय़ा का अब जातीय व्यवस्था से विश्वास उठ चुका है। तभी तो खटीक समाज के पुरोहित का विजिटिंग कार्ड ठुकरा दिया और यह कह कर उसकी बही पर भी हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया कि ये जाति-बिरादरी क्या होती है।
वैसे यह ठीक ही रहा। उनकी आंखें तो खुल गई कि समाज के नेता को बड़े पद पर पहुंचने के बाद जाति आदि तुच्छ बातें लगती हैं और आदर्शवादी कहलाने के बाद भी उनमें कितना दंभ आ गया है।

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