सरबजीत की बहन को लड़वाया जाएगा चुनाव?

dalbeer-kaur2कानाफूसी है कि पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत की हमले में हुई मौत के बाद पूरे देश में उठी संवेदना की लहर को भांप कर राजनीतिक दल सरबजीत की बहन दलबीर कौर व बेटियों की मिजाजपुर्सी में लग गए हैं। केन्द्र सरकार ने जहां सरबजीत के परिवार को 25 लाख रुपए दिये हैं तो पंजाब की अकाली दल सरकार ने सरबजीत को शहीद घोषित कर एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर दी है। साफ जाहिर है कि वे आगामी चुनावों मद्देनजर इस मुद्दे को अपने-अपने पक्ष में भुनाना चाह रहे हैं। ऐसे में संभव ये भी है कि इन दलों की ओर से दलबीर कौर अथवा उनकी बड़ी बेटी को चुनाव लडऩे का प्रस्ताव दिया जाए। वैसे भी सरबजीत की रिहाई के लिए लगभग आंदोलन सा कर चुकी दलबीर कौर माहौल में अपने पक्ष में भुनाने की समझ आ चुकी है। उन्होंने जिस तरह पाकिस्तान की जेलों में बंद अन्य भारतीय कैदियों के लिए संघर्ष करने का ऐलान किया, उससे ही साफ लग गया कि सरबजीत की मौत के बाद उनका आंदोलन समाप्त होने के बाद अब नए सिरे से शुरू करने का मानस है। उनमें नेतृत्वकारी गुण स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहे हैं। अगर उन्हें सक्रिय राजनीति में आने और चुनाव लडऩे का प्रस्ताव दिया गया तो उसे वे बेशक स्वीकार कर लेंगी। बस, अब देखना ये है कि कौन सा दल बाजी मारता है।

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