कानाफूसी है कि निर्दलीय पार्षद ज्ञान सारस्वत को सुराज संकल्प यात्रा के तहत आगामी 5 जून को अजमेर आ रही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे की सभा में भाजपा में शामिल करने के जतन किए जा रहे हैं। हालांकि पार्टी को उनकी जरूरत अजमेर नगर निगम में उप महापौर के चुनाव में भी पड़ी थी, मगर उनके बिना ही आंकड़ा पूरा कर लिया गया। मगर अब भाजपा जानती है कि अगर उन्हें राजी नहीं किया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे अजमेर उत्तर के भाजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसी कारण उन पर डोरे डाले जा रहे हैं। कानाफूसी है कि प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष औंकार सिंह लखावत की कोशिश है कि वसुंधरा को अजमेर आने पर यह तोहफा दिया जाए, मगर सूत्रों के अनुसार यह कानाफूसी लिखे जाने तक उन्हें पटाया नहीं जा सका है। ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों उन्होंने अपने वार्ड के विकास कार्यों का शुभारंभ केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट के हाथों करवा कर सभी को चौंका दिया था। लोगों को लगा कि कहीं उनका रुझान कांग्रेस की ओर तो नहीं हो रहा है। समझा जाता है कि उनका कांग्रेस में जाना इस कारण मुश्किल है, क्योंकि भले ही वे निर्दलीय रूप से जीते हैं और उनका अपने वार्ड में व्यक्तिगत प्रभाव है, मगर वे भाजपा मानसिकता के मतदाताओं के दम पर जीते हैं। अगर वे कांग्रेस का रुख करते हैं तो उनका जनाधार खिसक सकता है। रहा सवाल भाजपा का तो देखते हैं आने वाले तीन दिन में ऊंट किस करवट बैठता है या फिर फिलहाल खड़ा ही रहता है।