राजस्‍थान में फर्जी पत्रकारों को दी जा रही है मान्‍यता

journalist logoराजस्थान सरकार ने जब से यह घोषणा की है कि अधिस्वीकृत (मान्‍यता प्राप्‍त) पत्रकारों को रियायती दर पर आवासीय भूखण्ड उपलब्ध करवाया जायेगा व एक-एक लैपटाप मुफ्त में दिया जायेगा तब से पत्रकारों का थोक के भाव अधिस्वीकरण होने लगा है। राजस्थान सरकार के सूचना एवमं जनसम्पर्क विभाग के मुख्यालय में इन दिनों पत्रकारों के अधिस्वीकरण करने के कार्य में नियम कायदों की जम कर धज्जियां उड़ायी जा रही हैं।

विभाग द्वारा मनमर्जी से ऐसे लोगों का भी धड़ल्ले से अधिस्वीकरण किया जा रहा है, जो मात्र लोगों पर रोब गांठने व अपना प्रभाव जमाने के लिये पत्रकार बने फिरते हैं। उनका पत्रकारिता से कोई लेना देना ही नहीं हैं। विभागीय नियमानुसार पत्रकारों के अधिस्वीकरण के लिये पत्रकारों की एक समिति का गठन किया गया है, मगर पत्रकार अधिस्वीकरण (मान्‍यता) समिति की अनुशंसा के बिना ही अधिस्वीकरण कार्ड जारी किये जा रहे हैं। स्वतंत्र पत्रकार के मान्‍यता के लिये 45 वर्ष की उम्र 20 वर्ष की सक्रिय पत्रकारिता का अनुभव व स्नातक तक शिक्षित होना जरूरी है।

इसी प्रकार साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक पत्र- पत्रिकाओं के सम्पादक का अधिस्वीकरण हो सकता है उसके लिये भी स्नातक तक शिक्षित व पांच वर्ष का पत्रकारिता का अनुभव होना जरूरी है, मगर विभाग द्वारा पांचवी पास पत्रकारों का भी अधिस्वीकरण कर दिया गया है। स्वतंत्र पत्रकारें के अधिस्वीकरण में उम्र व शिक्षा की बाध्यता को जानबूझ कर दरकिनार किया जा रहा है, जो सरासर गलत ही नहीं नियम विरूद्ध भी है। कई ऐसे पत्रकारों के अधिस्वीकरण कार्ड बना दिये गये जिनके खिलाप थानों में मुकदमें तक दर्ज हैं। यदि विभाग द्वारा बनाये गये अधिस्वीकरण कार्डों की जांच हो तो बहुत बड़ा घोटाला उजागर होगा। http://bhadas4media.com से साभार

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