मनीष तिवारी के ट्विटर एकाउण्ट पर ताला

manish_tewari_twitter_1307_876631234मनीष तिवारी देश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री होने के साथ साथ अब भी कांग्रेस के अघोषित प्रवक्ता का जिम्मा उठाते ही हैं। लेकिन ऐसे वक्त में जब देश के नेता ट्वीटर और फेसबुक एकाउण्ट को सार्वजनिक करके अपने अपने फालोवर की संख्या बढ़ाने में लगे हुए तब मनीष तिवारी संभवत: इकलौते ऐसे नेता हैं जिनके ट्विटर एकाउण्ट पर बड़ी सख्त तालाबंदी है। सामान्य व्यक्ति न तो सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के ट्वीट पढ़ सकता है और व्यक्तिगत रूप से मनीष तिवारी उसे फालोवर होने की इजाजत न दें, देश का कोई नागरिक उन्हें फालो भी नहीं कर सकता।

सोशल मीडिया में फेसबुक और ट्विटर सबसे चर्चित नाम हैं जहां इन दिनों राजनीतिक दलों और नेताओं की मौजूदगी का खासा जोर दिखाई दे रहा है। भाजपा और कांग्रेस के अलावा छोटे दलों के नेता भी सोशल मीडिया साइट्स पर अपना भविष्य संवारने निकल पड़े हैं। इसमें फेसबुक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पैसे का पूरा कारोबार चलता है और खुद फेसबुक कारपोरेशन अपने उपभोक्ताओं को पेज बनाकर फालोवर बढ़ाने के उपाय बताता है और उसके एवज में मोटी रकम वसूलता है।

लेकिन माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर ऐसा नहीं है। अपने 140 कैरेक्टर के कारण माइक्रो ब्लालिंग के रूप में चर्चा में आया ट्विटर पर बनाया गया एकाउण्ट उपभोक्ता की निजी प्रसिद्धि का जरिया होता है। ट्विटर पर फालोवर का गोरखधंधा जरूर चलता है लेकिन इसके पीछे कंपनी सीधे तौर पर सक्रिय हो, ऐसे उदाहरण कम ही मिलते हैं। ट्विटर पर फर्जी एकाउण्ट बनाना भी बड़ी समस्या होता है इसलिए ट्विटर ने सर्टिफाइड एकाउण्ट की सुविधा भी शुरू की है ताकि उपभोक्ता की असलियत से कोई छेड़छाड़ न हो सके।

निजी तौर पर इस्तेमाल करने के लिए ट्विटर फेसबुक से बेहतर प्लेटफार्म भले हो लेकिन यहां भी मनीष तिवारी ने अपने एकाउण्ट की ऐसी तालाबंदी कर रखी है कि न तो कोई उनके ट्वीट तक पहुंच सकता है और न ही अपनी इच्छानुसार उन्हें फालो कर सकता है। मनीष तिवारी के ट्वीट वही पढ़ सकता है जिसे खुद मनीष तिवारी पढ़ाना चाहें। शायद यही कारण हैं कि उनके ट्विटर एकाउण्ट पर फिलहाल दस हजार के करीब फालोवर हैं और उनके एकाउण्ट की हिस्ट्री में कुल 95 ट्वीट हैं। और हां, अपने ट्विटर एकाउण्ट के जरिए खुद मनीष तिवारी किसी को फालो नहीं करते। http://visfot.com

error: Content is protected !!