पति की जायदाद में होगा तलाकशुदा पत्नी का हिस्सा

divorceभारत सरकार के मंत्रिसमूह ने तलाक कानूनों में एक महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए न केवल पति की निजी जायदाद में पत्नी की हिस्सेदारी सुनिश्चित कर दी है बल्कि पैतृक संपत्ति में भी पत्नी का हिस्सा निर्धारित कर दिया है। हालांकि पैतृक संपत्ति के मामले में मंत्रि समूह ने यह प्रावधान जरूर किया है कि अगर तलाक लेने जा रहे पति की पैतृक संपत्ति में पैतृक कारणों से पत्नी को हिस्सा नहीं दिया जा सकता है तो ऐसी स्थिति में पति के हिस्से के अनुपात में पत्नी को मुआवजे की राशि देनी होगी। दोनों ही निर्णय संबंधित अदालत में किये जायेंगे जहां पती और पत्नी तलाक ले रहे होंगे।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता में गठिक मंत्री समूह द्वारा दी गई इन सिफारिशों को बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने अपनी मंजूरी दे दी। अब मानसून सत्र में ये संशोधन संसद की मंजूरी के लिए सदन में प्रस्तुत किये जाएंगे और सदन से मंजूर हो जाने के बाद कानून में बदलाव कर दिया जाएगा। मंत्रिसमूह ने इस संबंध में वर्तमान कानून में धारा 13 एफ जोड़ने का निर्णय लिया है।

इसके साथ ही मंत्रिमंडल समूह से यह सुझाव देने के लिए भी कहा गया था कि सहमति के आधार पर दायर किये गये तलाक आवेदनों पर अगर एक पक्ष निष्क्रिय हो जाता है तो ऐसी स्थिति में क्या एकपक्षीय तलाक दिया जा सकता है? इस पर मंत्रिमंडल समूह ने अपनी सिफारिश की है यह पूरी तरह से जज के विवेक पर निर्भर करेगा। अब परिवार वाद कानून में एक ऐसा संशोधन भी किया गया है जिससे जज को यह अधिकार होगा कि वह एकपक्षीय तलाक भी दे सकता है।

मंत्रिमंडल ने मंत्रिसमूह के इन प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी है और अब ये प्रस्ताव 5 अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान संसद ते सामने रखे जाएंगे।

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