पाठक की गिरफ्तारी मीडिया वालों के लिए खबर क्यों नहीं?

rudraसोनिया गांधी के घर के बाहर कल एक बड़ा ‘अपराधी’ पकड़ा गया. बजाप्ता तुगलक रोड थाने में उसे रात भर रखा गया और उसका अपराध इतना संगीन था कि आज सुबह ही उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया है. लेकिन आश्चर्य यह की बाजारू मीडिया के लिए यह कोई खबर नहीं है. खबर इसलिए नहीं है क्यूंकि इसे खबर बना देने पर सीधे सोनिया माई इन पत्रकारों के पेट पर लात मार देती. खबर इसलिए नहीं है क्यूंकि इसके प्रसारण से माई नाराज़ हो जाती.

सोनिया के घर के बाहर आवारा कुत्ता भी पाया जाय तो वो बड़ी खबर होगी. सुरक्षा की चूक पायी जायेगी. शायद कुछ बड़े अधिकारी सस्पेंड भी हो जायेंगे. मीडिया की भी नींद हराम हो जायेगी. ओवी वैन से पट जाएगा दस जनपथ. लेकिन पिछले 225 दिन से एक ‘खतरनाक अपराधी’ दिन भर दस जनपथ पर बैठा रहता है, जिस पर किसी उचक्के मीडिया वालों की नज़र तक नहीं पड़ती.

‘माई’ के आराम में खल डालने के अपराध में उसे जेल भेज दिया जाता है, फिर भी वह ‘खबर’ नहीं है. उस ‘खतरनाक अपराधी’ का स्केच भी जारी करने की ज़रूरत नहीं पड़ती क्यूंकि उसका चेहरा ही इतने दिनों में स्केच की मानिंद हो गया है. उस ‘अपराधी’ का नाम श्याम रूद्र पाठक है जो भाषाई फितूर में अपना काम-काज छोड़ पागल की तरह सरकारी आराम में खलल डाल रहा था सोनिया निवास पर. कोई ‘वारदात’ जैसी ही स्टोरी तो बना लेते मीडिया वाले भाई. छिः छिः कब तक तुम सब कुत्तों की तरह सोनिया के टुकड़े पर पलते रहोगे. जिस भाषा की खा रहे हो उसका तो ख़याल रखो कम से कम यार.

पंकज कुमार झा के फेसबुक वॉल से. http://www.bhadas4media.com

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