आम आदमी पार्टी में मंत्री पद को लेकर बगावत

vinod kumar binniआम आदमी पार्टी में मंत्री पद को लेकर बगावत हो गई है। एक समाचार चैनल के मुताबिक मंत्री न बनाए जाने के कारण लक्ष्मीनगर से आप के विधायक विनोद कुमार बिन्नी नाराज हो गए है। आप संयोजक केजरीवाल के घर पर हो रही बैठक से बिन्नी नाराज होकर निकल गए। औपचारिक तौर पर मंत्रियों के नामों की घोषणा बुधवार को होनी है लेकिन यह लगभग तय हो चुका है कि केजरीवाल की कैबिनेट में कौन शामिल होंगे।
पार्टी बैठक में जिन छह लोगों का मंत्री बनना तय हुआ है उनमें बिन्नी का नाम शामिल नहीं है जिससे वह नाराज हो गए। बिन्नी ने कहा कि बुधवार को वह बड़ा खुलासा करेंगे। बिन्नी ने पिछले पंद्रह सालों से शीला सरकार में मंत्री रहे अशोक वालिया को हराया था। बिन्नी सबसे युवा पार्षद रहे हैं।
हालांकि आप नेताओं ने अभी इस मसले पर सफाई नहीं दी है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कि केजरीवाल ने उपराज्यपाल को छह संभावित मंत्रियों की सूची भेजी है। बिन्नी के नाराज होने के मसले पर उन्होंने ऐसी किसी भी जानकारी से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि बिन्नी के नाराज होने के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता। मनीष सिसोदिया ने कहा कि बिन्नी को जो जिम्मेदारी देनी के लिए कही गई थी वो दी गई है, हालांकि उन्होंने यह भी नहीं बताया कि वे किस जिम्मेदारी की बात कर रहे हैं।
टीवी रिपोर्ट के मुताबिक बिन्नी को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपा जा रही थी लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं है।
मंत्रियों के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब टालते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री केजरीवाल ने चुने हैं, वह इसके बारे में जवाब देंगे।

कौन है विनोद बिन्‍नी
पताः दल्लूपुरा, वसुंधरा इन्क्लेव, दिल्ली-96
शिक्षाः स्नातक
आजीविकाः संयुक्त परिवार की आय
संपत्तिः 5 लाख के शेयर एवं एक कार स्वयं के नाम पर
मुकदमाः एक भी नहीं
जीत- बिन्‍नी ने लक्ष्मीनगर से कांग्रेस के चार बार के विधायक और कांग्रेस के मंत्री अशोक वालिया को हराया। उन्‍हें 43052 वोट मिले, जबकि वालिया को 35300 वोट मिले। इस तरह वालिया 7752 मतों के अंतर से चित हुए।
परिचयः दल्लुपूरा वार्ड से दो बार निर्दलीय पार्षद का चुनाव जीते। पहली बार 2007 में पार्षद बने और काम से जनता का विश्वास जीता जिसका परिणाम रहा कि अगले चुनावों में उन्हें जनता की ओर से पहले के मुकाबले दोगुना समर्थन मिला और पुनः निर्दलीय जीते. स्वराज के सिद्धांतों में पूरी आस्था जताते हुए मोहल्ला सभाएं आयोजित कराते रहे। 2009 से 2011 के बीच कांग्रेस में भी रहे लेकिन आंदोलन से जुड़ने के बाद कांग्रेस छोड़ दी। दैनिक भास्कर से साभार

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