पूर्वोत्तर के लोगों पर हमले की अफवाह से प्रधानमंत्री चिंतित

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों पर देश के अन्य राज्यों में हो रहे हमलों को लेकर उड़ी अफ़वाह की निंदा की है. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और हर कीमत पर शांति बनाए रखें.

प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक इफ्तार पार्टी के दौरान कर्नाटक में रह रहे पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के पलायन पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा, ”हम सब को मिलकर ये सुनिश्चित करना होगा कि जो अफ़वाहें उड़ रही हैं और एसएमएस भेजे जा रहे है, उससे अन्य राज्यों के लोगों के बीच डर की भावना पैदा न हो. हमें हर कीमत पर शांति बनाए रखनी होगी.”

उन्होंने कहा कि इस मसले पर उनकी कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से बातचीत भी हुई है और वे असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से भी संपर्क में हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वो इस बारे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरन कुमार रेड्डी से भी बात करेंगे.

सर्तक रहना होगा

जब प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या वो इस बात को लेकर चिंतित है कि असम में हुई हिंसा का प्रभाव अन्य राज्यों में भी फैल रहा है तो उनका कहना था,” हमें सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखना होगा. हमें सतर्क रहने की जरूरत है.”

मनमोहन सिंह ने कहा कि सभी पार्टियों को साथ मिलकर प्रभावित लोगों को विश्वास दिलाना होगा.

उन्होंने कहा, ”बंगलौर रेलवे स्टेशन पर जमा हुए पूर्वोत्तर के लोग गुवाहाटी के लिए ट्रेन पकड़ रहे हैं. ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को रेलवे स्टेशन पर भेज कर अच्छा काम किया.”

बंगलौर में स्वतंत्रता दिवस के दिन अचानक अफवाहें गर्म हो गईं कि पूर्वोत्तर के लोगों को निशाना बनाया जा सकता है.

इसके बाद शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन पर पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की भीड़ जमा हो गई जो शहर छोड़कर जाना चाह रहे थे. हालत ये हो गई कि अधिकारियों को दो विशेष रेलगाड़ियों का इंतजाम करना पड़ा.

बंगलौर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बीबीसी हिंदी को बताया कि 4000 लोग शहर छोड़कर चले गए हैं और इनमें से ज्यादातर छात्र हैं.

स्थिति में सुधार

स्थानीय पत्रकार खालिद कर्नाटकी का कहना है,” मुख्यमंत्री ने यहां रह रहे पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों से बातचीत की है और अब स्थिति में सुधार हो रहा है.बृहस्पतिवार की शाम तक केवल 1000 टिकटें ही वापसी के लिए कटाई गई हैं.”

असम, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों से बेहतर शिक्षा और रोजगार की तलाश में नौजवान लड़के-लड़कियाँ दिल्ली, पुणे, बंगलौर, मुंबई जैसे भारत के अलग अलग शहरों में जाते हैं.

सिर्फ बंगलौर शहर में उनकी जनसंख्या 2.5 लाख से ज्यादा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा है कि बंगलौर में रहने वाले उत्तर-पूर्वी भारत के लोगों को कोई खतरा नहीं है.

धमकी

राज्य के गृह मंत्री आर अशोक ने कहा है कि हिंसा की स्थिति पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

असम में गुरुवार को मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई जिसमें फैसला किया गया है कि एक टीम शुक्रवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए कर्नाटक जाएगी.

स्थानीय पत्रकार विनोद रिंगानिया का कहना है, ”सरकार से बातचीत करने वाले उल्फा गुट के कुछ नेताओं ने धमकी दी है कि अगर दक्षिण भारतीय राज्यों में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के खिलाफ कोई हिंसा होती है या उन्हें धमकी दी जाती है तो वे असम में काम कर रही दक्षिण भारत की कंपनियों को यहां से जाने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा.”

 

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