सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी

subratनई दिल्ली. सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद न्‍यायिक हिरायत में भेज दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी। इसका मतलब हुआ कि अब सुब्रत रॉय 11 मार्च तक जेल में रहेंगे। सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल भेजा गया है। रॉय अब तक पुलिस हिरासत में थे। कोर्ट ने कहा है कि यदि सुब्रत रॉय 11 मार्च से पहले निवेशकों के पैसे लौटाने का ठोस फॉर्मूला लेकर कोर्ट आते हैं, तब भी कोर्ट मामले की सुनवाई कर सकती है। सुनवाई के दौरान रॉय के वकील जेठमलानी ने दो महीने में निवेशकों के पैसे लौटा देने की दलील भी दी। लेकिन, जज इससे शांत नहीं हुए। जज ने कहा, ‘यह तो हम दो साल से सुनते आ रहे हैं।’
निवेशकों के बीस हजार करोड़ रुपये लौटाने के मामले में हिरासत में लिए गए सहारा प्रमुख सुब्रत राय पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर बिना शर्त माफी मांगी और सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मैं हर आदेश का पालन करूंगा. कोर्ट ने सहारा श्री से यह भी पूछा कि निवेशकों का पैसा कब तक लौटाएंगे? तब उन्होंने कहा कि वह दो महीने में निवेशकों को पैसा लौटा देंगे. इससे पहले, पेशी के दौरान एक युवक ने सुब्रत राय पर काली स्याही फेंक दी थी. घटना के बाद आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया गया. स्याही फेंकने वाले युवक का नाम मनोज बताया जा रहा है और वह ग्वालियर का रहने वाला है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के बाद 28 फरवरी को लखनऊ स्थित उनके निवास से हिरासत में लिया गया था. जिसके बाद उन्हें वहां से कुछ दूरी पर एक वन विभाग के गेस्ट हाउस में ठहराया गया था. वहां से आज यूपी पुलिस उन्हें दिल्ली लेकर आई है. उन्हें आज करीब दो बजे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया. एएसपी ट्रांसगोमती हबीबुल हसन के मुताबिक एक सीओ और एक एसओ के नेतृत्व में पुलिस टीम तीन वाहनों से सुब्रत राय को दिल्ली लेकर आई. हालांकि वह अपनी कार में ही दिल्ली आए हैं. सूत्रों की मानें तो उन्होंने पुलिस वैन में आने से मना कर दिया था. उनकी मांग के सामने झुकते हुए पुलिस ने राय को अपनी गाड़ी से पुलिस की सुरक्षा में दिल्ली जाने की इजाजत दे दी. सोमवार सुबह से गेस्ट हाउस में सहारा प्रमुख से मिलने के लिए उनके परिजनों और करीबियों का तांता लगा रहा. दोपहर बाद करीब तीन बजे पुलिस ने अचानक सहारा प्रमुख को गेस्ट हाउस के पीछे के गेट से बाहर निकाला और वाहन से दिल्ली के लिए लेकर चल दी. कोर्ट में पेशी के दौरान भी पुलिस ने सहारा प्रमुख को सहारा शहर के पिछले गेट से निकाल कर मीडिया को चकमा दिया था. एएसपी ट्रांसगोमती के मुताबिक टीम के साथ एक दरोगा, एक हेड कांस्टेबल और छह से अधिक सिपाही भी साथ भेजे गए हैं. मीडियाकर्मियों के साथ अभद्रता सुब्रत राय के काफिले की तस्वीरें लेने पर मीडिया कर्मियों की शामत आ गई. काफिले के साथ चल रहे उनके निजी गार्डों ने मीडिया कर्मियों को घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की की. हुसैन नगर तिराहा के निकट सहारा प्रमुख के काफिले के रुकने की जानकारी पर कुछ मीडियाकर्मी वहां पहुंचे और तस्वीरें लेने लगे. इस पर उनके निजी सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें घेरकर अभद्रता शुरू कर दी. उन्होंने सभी को एक वाहन पर बैठा लिया और फिर दो फोटोग्राफरों के कैमरे छीने और उनकी बैट्री व मेमोरी कार्ड निकलवा लिए. इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने कैमरे में कैद फोटो भी डिलीट करा दी. एक मीडिया कर्मी का फोन छीनकर उसकी बैट्री भी निकाल कर साथ ले गए. इस दौरान वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी चुपचाप बना रहा. इसके बाद कानपुर देहात जिले में टोल प्लाजा पर शाम करीब साढ़े छह बजे सुब्रत राय का काफिला फिर रुका. यहां मीडियाकर्मियों को देखकर उन्होंने गाड़ी का शीशा खोलकर कहा कि आप लोगों के जरिए कहना चाहता हूं कि मैं देश व कानून का सम्मान करता हूं.

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