नई दिल्ली। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के विरुद्ध लगातार आक्रामक हमला करने वाले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को खुद गलती कर दी। संयोग की बात यह है कि अरविंद केजरीवाल ने यह गलती नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात में एक रैली के दौरान अपने भाषण में की। अरविंद केजरीवाल ने अपनी रैली में चार आरटीआइ कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दे दी, जबकि इनमें से तीन आज भी जीवित हैं। अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण के दौरान समाज के हित के लिए शहीद होने वालों में अमित जेठवा, भानू देवानी, जयसुख भमभानिया और मनीषा गोस्वामी का नाम लिया। केजरीवाल ने कहा, सबसे पहले मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं जिन्होंने बीते दस साल में गुजरात में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने इन सभी को श्रद्धांजलि दी।
मालूम हो कि केजरीवाल ने जिन चार लोगों के नाम लिए उनमें से सिर्फ जेठवा की मौत हो चुकी है। जेठवा की 20 जुलाई 2010 को गुजरात हाई कोर्ट के सामने कथित रूप से खनन माफियाओं द्वारा हत्या कर दी गई थी। हालांकि अन्य तीन आज भी जीवित हैं। पोरबंदर जिले के एक वकील देवानी ने कहा कि उनपर तीन वर्ष पहले हमला हुआ था लेकिन अब मेरा स्वास्थ्य अच्छा है और भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी है। देवानी ने कहा कि वह जल्द ही आप में शामिल होने जा रहे हूं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल उनके जैसे आरटीआइ कार्यकर्ताओं को अच्छा नेतृत्व दे सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पोरबंदर में देवानी को 25 जुलाई 2011 को 5-6 लोगों ने कार से बाहर निकालकर पेट में चाकू मार दिया था लेकिन वह जिंदा बच गए थे। वहीं, जयसुख भमभानिया (42) ने खुद को भाग्यशाली करार देते हुए कहा कि वह 24 अगस्त 2011 को हुए हमले में जिंदा बच गया थे। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा एक रेस्तरां के निर्माण और आरटीआइ द्वारा बाइक वेंडरों को फर्जी लाइसेंस देने के संबंध में आरटीआइ दायर करने पर मुझ पर तलवारों और पाइपों से हमला किया गया था। दूसरी ओर मनीषा गोस्वामी पर 21 सितंबर 2011 को हमला हुआ था, क्योंकि उन्होंने एक निजी फर्म द्वारा पर्यावरण मंजूरी लेने से संबंधित जानकारी के लिए आवेदन दायर किया था।