भारत की मेघा शक्ति को विश्व ने स्वीकारा-डा.दवे

श्री गुरूजी व्याख्यान माला में वक्ताओं ने रखे विचार
भारत की वैश्विक स्वीकार्यता विषय पर हुआ व्याख्यान
15-डा.एल.एन.वैष्णव-   दमोह / भारत देश की मेघा शक्ति को सम्पूर्ण विश्व ने स्वीकारा है,वह चाहे धर्म एवं अध्यात्म के मामले में हो या फिर विज्ञान,चिकित्सा,अर्थ व्यवस्था के मामले में हो किसी भी क्षेत्र में हो यह बात बाल साहित्य शोध संस्थान इंदौर के निदेशक डा.विकास दवे ने कही। स्थानीय कांनेटकर भवन में आयोजित श्री गुरूजी व्याख्यानमाला के प्रथम दिवस भारत की वैश्विक स्वीकार्यता विषय पर व्याख्यान देते हुये मुख्य वक्ता डा.दवे ने कहा कि एैसा कोई क्षेत्र नहीं जहां भारतीयों का दखल न हो इस बात को संसार के समस्त देश स्वीकारते हैं । इन्होने अनेक उदाहरणों एवं साक्षों को उपस्थित विशाल जनसमूह के मध्य रखते हुये अनेक बार चिंतन मनन करने को मजबूर कर दिया। हनुमान चालिसा की दो पंक्तियों युग सहस्त्र योजन पर भानू…. पर किये गये विश्व के वैज्ञानिकों के शोध पर निकले परिणामों को सामने रखते हुये कहा कि वह हतप्रभ रह गये यह जानकर कि सूर्य की पृथ्वी से दूरी उतनी ही निकली जितनी कि हनुमान चालिसा में दी गयी थी। सूर्य कोटी समप्रभा के बारे में भी विस्तार से बात रखते हुये सबको आश्चर्य में डाल दिया। डा.दवे ने कहा कि नासा में लगी ग्रहों की नजदीक से खींची गयी तस्वीरें भारत के द्वारा खींचने का जिक्र स्वयं वहां के प्रभारी ने देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रसिद्ध वैज्ञानिक अब्दुल कलाम से किया था। हिन्दी भाषा के बारे में इन्होने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा विश्व विद्यालय हिन्दी के हैं एवं लगभग हर देश इसकी शिक्षा देने में लगा देखा जा सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओवामा का यह कथन कि अमेरिका के वासियो हिन्दी सीखो अगर नहीं सीखी तो आपकी सुरक्षा खतरे मेंं है। यह दर्शाता है कि हिन्दी कोई साधारण भाषा नहीं अपितु अमीर भाषा है जबकि अंग्रेजी गरीब है। मुस्लिम राष्ट्र होने के बाद भी मलेशिया एवं इंडोनेशिया में हिन्दी में शपथ ली जाती है वहां पर लोगों के नाम भारतीय एवं सनातन धर्म के अनुसार होते हैं। इस संबध में साक्ष्यों एवं उदाहरणों को प्रस्तुत करते हुये डा.दवे ने कहा कि चाईना इस समय हिन्दी के साथ ही महाभारत का अनुवाद कर विभिन्न माध्यमों से देश वासियों के मध्य प्रस्तुत कर रहा है। वेदों की ऋचायें एवं गीता के उपदेशों को सम्पूर्ण विश्व स्वीकार रहा है। महाभारत काल में ही परमाणु बम्ब का प्रयोग होने तथा विभिन्न प्रकार की मिसाईलें तथा विमानों का प्रयोग होने की पुष्टि हो चुकी है। अर्थ व्यवस्था के बारे में विस्तार से बात रखते हुये इन्होने कहा कि भारत की अकेली मातृशक्ति की ओर नजर डालें तो उनसे ज्यादा बचत करने वाला कोई हो नहीं सकता। वहीं व्यापार की प्राचीन परंपरा तथा संसार पर उसकी छाप को भी प्रस्तुत किया। इन्होने अपने लगभग 40 मिनिट के उद्बोधन में उक्त विषय पर व्याख्यान देते हुये उपस्थित जनसमूह को अनेक बार चिंतन एवं गर्व करने पर मजबूर कर दिया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व पुलिस महानिरीक्षक जे.पी.अहिरवार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत किया।  कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यवक्ता डा.दवे,न्यासी सचिव बहादुर सिंह,अध्यक्ष विवेक शेण्डेय,श्री अहिरवार ने मां वीणापाणी,भारत माता,डा.हेडगेवार एवं श्री गुरूजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया। सरस्वती वंदना आकाशवाणी दूरदर्शन कलाकार एवं संसकार भारती के प्रांत संह संगठन मंत्री नवोदित निगम के मार्गदर्शन में प्रस्तुत की गयी। अतिथियों की मान वंदना के पश्यात् न्यासी सचिव बहादुर सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुये न्यास की गतिविधियों की जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम का सफल संचालन पूर्व प्रार्चाय एन.आर.राठोर एवं आभार सुधीर सप्रे ने व्यक्त किया।

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